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Friday, July 2, 2010

हॉलैंड का उलटफेर, ब्राज़ील विश्व कप से बाहर


पोर्ट एलिजाबेथ -हॉलैंड ने दूसरे हाफ में चमत्कारिक प्रदर्शन की बदौलत अपना विजयरथ दौड़ाते हुए पांच बार के चैंपियन और खिताब के सबसे प्रबल दावेदार ब्राजील का गर्व 2-1 से चूर-चूर कर फुटबॉल विश्वकप टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में प्रवेश कर लिया ।


फुटबॉल वर्ल्ड कप 2010 से पांच बार की वर्ल्ड चैंपियन ब्राजील की विदाई हो गई है। क्वॉर्टर फाइनल में यूरोपीयन पावरहाउस हॉलैंड ने चैंपियन ब्राजील को 2-1 से हरा दिया। इस अहम मुकाबले में ब्राजील के लिए उसी के खिलाड़ी फेलिपी मेलो विलिन साबित हुए। मेलो ने हॉलैंड को एक गोल गिफ्ट में दे दिया। यह इस विश्व कप का तीसरा आत्मघाती गोल है। यह गोल 53वें मिनट में हुआ। यह गोल हॉलैंड के स्ट्राइकर वेल्से श्नाइडर द्वारा लिए गए फ्री किक पर हुआ। जाहिर तौर पर मेलो अपनी टीम के खिलाफ गोल नहीं होने देना चाहते थे लेकिन बचाव की प्रक्रिया के दौरान गेंद उनके सिर से टकराकर गोलपोस्ट में समा गई। इस गोल से मैच में रोमांच एक बार फिर लौट आया ।

मध्यांतर तक ब्राजील ने 1-0 की बढ़त बना रखी थी। ब्राजील के लिए पहला गोल फॉरवर्ड खिलाड़ी रोबिन्हो ने 10वें मिनट में किया। रोबिन्हो ने यह गोल फेलिप मेलो द्वारा दिए गए एक शानदार पास पर किया। रोबिन्हो ने विश्व कप में अपना दूसरा गोल किया। उन्होंने चिली के खिलाफ अंतिम-16 मुकाबले में भी एक गोल किया था। इससे ठीक पहले आठवें मिनट में स्पेन के क्लब बार्सिलोना के लिए खेलने वाले फॉरवर्ड खिलाड़ी डानी एल्विस ने गेंद को हॉलैंड के गोलपोस्ट में डाल दिया था लेकिन रेफरी ने उन्हें ऑफसाइड करार दिया था ।

शुरुआती दस मिनट के खेल में ब्राजील की टीम पूरी तरह हॉलैंड पर हावी रही लेकिन उसके बाद हॉलैंड ने भी लय पकड़ी और जोरदार हमला किया। मध्यांतर तक के खेल के दौरान ब्राजील ने जहां 52 फीसदी समय तक गेंद अपने पास रखा था वहीं हॉलैंड ने दो जोरदार आक्रमणों के दम पर बराबरी करने की भरपूर कोशिश की लेकिन वह ब्राजीली रक्षापंक्ति को भेद नहीं सकी। दूसरे हाफ में हॉलैंड ने एक और गोल कर ब्राजीली खेमे में सनसनी मचा दी ।

: न्यूज़लाइन स्पोर्टस ड़ेस्क

अब इंसान की उम्र, 140 साल तक बढ़ा सकेगा बैक्टीरिया


मॉस्को - बर्फ में हजारों साल से दबा एक बैक्टीरिया इंसान की उम्र 140 साल तक बढ़ाने में मदद कर सकता है। इसने चूहों, मक्खियों की उम्र बढ़ा दी है, अब इंसान की बारी है। रूसी वैज्ञानिक इस बैक्टीरिया को दवा के तौर पर इंसानों पर आजमाने की सोच रहे हैं ।

बेसिलस एफ नाम का यह बैक्टीरिया रूस के उत्तरी याकुशिया प्रांत के मेमोंतोवा में मिला है। दुनिया के इस सबसे ठंडे इलाके में यह बर्फ में दबा हुआ था। वैज्ञानिकों का दावा है इस बैक्टीरिया से बनी दवा का एक इंजेक्शन इंसान की उम्र को 140 साल तक बढ़ा सकता है ।

शोधकर्ता टीम के प्रमुख अनातोलिया ब्रुशकोवा के अनुसार, ‘जब चूहे और मक्खियां इसके असर से अपनी उम्र बढ़ा सकते हैं तो फिर यह इंसान पर असरकारक क्यों नहीं होगा ?

प्रयोगशाला में जिन चूहों को इस बैक्टीरिया से बना इंजेक्शन लगाया गया, उनकी औसत उम्र 906 दिन हो गई, जबकि इस चुनिंदा किस्म के चूहे औसतन 589 दिन तक ही जिंदा रहते हैं। ब्रुशकोवा ने बताया कि मक्खियों को बैक्टीरिया मिश्रित भोजन दिया गया,जिससे उनकी तंदुरुस्ती बढ़ गई ।

उन्होंने कहा कि अब शोधकर्ताओं का अगला कदम यह तय करना है कि बैक्टीरिया को दवा के रूप में तैयार कर उसका इंसानों पर क्लीनिकल ट्रायल कैसे शुरू किया जाए ।

: न्यूज़लाइन एजेंसीज़

अब मशीन दूर करेगी अनिद्रा


मेलबोर्न - इनसोम्निया,यानी नींद न आने की बीमारी के शिकार लोगों को चैन की नींद सुलाने के लिए मशीन तैयार की गई है। ऑस्ट्रेलियाई खोजकर्ताओं के दिमाग की उपज यह मशीन व्यक्ति को ठीक उसी तरह से सुलाती है, जैसे मां अपने बच्चे को थपकी मारकर सुला देती है ।


फिलिप्स स्लीपवेव नाम की इस मशीन को कान के पीछे की हड्डी से जोड़ा जाता है। वहां से यह बिजली के सूक्ष्म संकेत भेजती है। इससे व्यक्ति को चैन का अहसास होता है और फिर वह गहरी नींद सो जाता है। व्यक्ति के सोते ही यह मशीन अपने आप बंद हो जाती है। बिना दवाओं के गहरी नींद दिलाने वाली यह दुनिया की एकमात्र मशीन है। यह इनसोम्निया के गंभीर मरीजों को भी सुला देती है।

इसकी कीमत 440 डॉलर (20,500 रु.) है ।

: न्यूज़लाइन एजेंसीज़

प्रधानमंत्री का विशेष दूत बनकर चीन जाएंगे मेनन


नई दिल्ली - चीन-पाकिस्तान परमाणु समझौते को लेकर भारत में बढ़ती चिंताओं की पृष्ठिभूमि के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन शनिवार को बीजिंग का दौरा करेंगे।

उम्मीद है कि वे मेजबान के साथ सीमा विवाद सहित विभिन्न मुद्दों पर वार्ता करेंगे। विदेश मंत्रालय ने गुरूवार को कहा कि मेनन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के विशेष प्रतिनिधि के रूप में बीजिंग जाएंगे। उम्मीद है कि अपने चार दिवसीय दौरे के दौरान वह विशेष प्रतिनिधि के रूप में चीन के उप विदेशमंत्री दाई बिंगुओ के साथ सीमा विवाद पर चर्चा करेंगे। वह चीनी विदेशमंत्री यांग जीची से भी मुलाकात करेंगे और द्विपक्षीय मुद्दों पर वार्ता करेंगे ।

: न्यूज़लाइन एजेंसीज़

खाप पंचायत का तुग़लकी फ़रमान, प्रेमी युगल सांसत में


गाजियाबाद - अब एक बार फिर पंचायत ने अपना तालिबानी फरमान सुनाकर कानून की धज्जियां उड़ा दी हैं। दिल्ली से सटे गाजियाबाद में एक शादी-शुदा जोड़े को पंचायत ने भाई-बहन बनने का आदेश दे दिया है। और ऐसा न करने पर उन्हें गांव से बेदखल करने का भी फरमान सुनाया गया है।


इस संबंध में कोर्ट के सख्त रुख को देखते हुए पुलिस ने पंचायत को चेतावनी भी दी थी लेकिन सारे नियम कायदे को ताक पर रखकर पंचायत ने एक ही गोत्र में शादी करने वाले जोड़े को बीच मझदार में ला खड़ा कर दिया है। गाजियाबाद के सुधीर ने अपने ही गांव की एक लड़की से प्यार होने के बाद आज से करीब डेढ़ साल पहले भागकर शादी कर ली थी। लेकिन कुछ दिन पहले ही पंचायत को इस बात की जानकारी मिली और आनन-फानन में पंचायत बुलाकर पति-पत्नी को भाई-बहन बनाते हुए लड़के के परिवार को गांव से भागने का आदेश दे डाला।


तुगलकी फरमान में पंचायत ने यह शर्त रखी कि लड़की-लड़के के परिवार गांव में तभी रह सकते हैं जबकि ये दोनों एक दूसरे को भाई-बहन बना लें। ऐसा न करने पर दोनों परिवार को गांव छोड़कर जाना होगा। इस बात की भनक जब पुलिस को लगी तो उसने जोड़े को सुरक्षा देने के लिए गांव में डेरा जमा दिया। हालांकि लड़की का परिवार पंचायत के दहशत से गांव छोड़कर दूसरी जगह जा चुका है।


अब लड़की कोर्ट में यह बयान देगी कि उसने किसी दबाव में नहीं बल्कि अपनी मर्जी से शादी की है। लेकिन सवाल यह उठता है कि कोर्ट के बार-बार दिशा-निर्देश के बाद भी पंचायतों के कान में जूं तक नहीं रेंग रही है । ज़ाहिर है कि पंचायत के लिये कोर्ट का आदेश कोई मायने नहीं रखता |

: न्यूज़लाइन ब्यूरो

हारे हुए खिलाड़ियों को मिल सकती है कोयला तोड़ने की सज़ा



नई दिल्ली - फुटबॉल में अगर जीत मिले तो प्रशंसक राहों में पलके बिछा देते हैं लेकिन यदि वही खिलाड़ी हार जाए तो उनके साथ ऐसा बर्ताव किया जाता है जैसे उन्होंने देशद्रोह किया हो । फुटबॉल को राष्ट्र के सम्मान के साथ जोड़कर भी देखा जाता है तभी तो हारने वाली टीमें अपने देश पहुंचने से भी डरती हैं।

उत्तर कोरिया के खिलाड़ियों का भी कुछ ऐसा ही हाल है। खिलाड़ियों को डर है कि कहीं उन्हें कोयले की खदानों में काम करने ना लगा दिया जाए। नाईजीरिया की टीम की हालत तो और भी खराब है। वहां के राष्ट्रपति ने टीम पर दो साल तक किसी भी टूर्नामेंट में भाग लेने पर प्रतिबंध लगा दिया है।

जर्मनी के हाथों शर्मनाक हार झेल विश्व कप से बाहर हुई इंग्लैड के खिलाड़ी तो फिर भी खुद को भाग्यशाली समझ सकते है क्योंकि उनकी आलोचना तो सिर्फ टेबलॉयड अखबारों तक ही सीमित है लेकिन उत्तर कोरिया के खिलाड़ी इतने भाग्यशाली नहीं हैं।

पुर्तगाल के हाथों 7-0 से हार कर उत्तर कोरिया पहुंची टीम के लिए हालात बेहद खराब हैं । टीम के कोच मून की नाम इसे टीम के लिए बेहद खराब निशानी मानते हैं। वो कहते हैं कि अगर टीम जीत जाती है तो उन्हें बड़े-बड़े घरों से नवाजा जाता है लेकिन हारते ही सबकुछ बदल जाता है और खिलाड़ियों को हार की कीमत कोयले की खानों में काम करके चुकानी पड़ती है। मून को 2004 में तो देश तक छोड़कर भागना पड़ा था।

: न्यूज़लाइन स्पोर्टस डेस्क

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