
बंगलुरू : कर्नाटक में आया राजनीतिक संकट फ़िलहाल टल गया है। मुख्यमंत्री बीएस येद्दियुरप्पा ने विधानसभा में विश्वास मत हासिल किया। येद्दियुरप्पा द्वारा पेश विश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 106 और विरोध में 100 मत पड़े।बाद में विधानसभा अध्यक्ष केजी बोपैय्या ने सदन में इसकी घोषणा की गौरतलब है कि राज्यपाल हंसराज भारद्वाज ने सोमवार के विश्वास मत को तमाशा करार दिया था और उन्हीं के निर्देश पर आज सदन में दोबारा शक्ति परीक्षण होना था।
येद्दियुरप्पा और भाजपा के लिए सदन में दूसरी बार विश्वास मत हासिल करना आज उतना मुश्किल नहीं रहा। 224 सदस्यीय विधानसभा में 16 बागी विधायकों को अयोग्य करार दिए जाने के बाद से प्रभावी सदस्य संख्या घटकर 208 रह गई है। कर्नाटक विधानसभा में अब भाजपा के अध्यक्ष सहित 106 सदस्य हैं जबकि कांग्रेस के 73, जद-एस के 28 और एक निर्दलीय है। एकमात्र निर्दलीय विधायक वी प्रकाश ने सरकार के पक्ष में मतदान किया। भाजपा के पास अब 106 विधायकों का समर्थन है।
गौरतलब है कि भाजपा सरकार ने सोमवार को ध्वनिमत से विश्वास मत हासिल कर लिया था। लेकिन सदन की यह कार्यवाही अब अदालत के विचाराधीन है। सोलह विधायकों ने हाईकोर्ट की एक पीठ में याचिका दायर कर विधानसभा अध्यक्ष के जी बोपैय्या द्वारा उन्हें अयोग्य करार दिए जाने के आदेश को चुनौती दी है। हाईकोर्ट में विधायकों की याचिकाओं पर अब 18 अक्टूबर को सुनवाई होगी। वहीं किसी भी प्रकार की अप्रिय घटनाओं को रोकने के लिये पुलिस ने राज्य विधानसभा सचिवालय विधान सौध में कड़े सुरक्षा प्रबंध कर रखे थे।
येद्दियुरप्पा और भाजपा के लिए सदन में दूसरी बार विश्वास मत हासिल करना आज उतना मुश्किल नहीं रहा। 224 सदस्यीय विधानसभा में 16 बागी विधायकों को अयोग्य करार दिए जाने के बाद से प्रभावी सदस्य संख्या घटकर 208 रह गई है। कर्नाटक विधानसभा में अब भाजपा के अध्यक्ष सहित 106 सदस्य हैं जबकि कांग्रेस के 73, जद-एस के 28 और एक निर्दलीय है। एकमात्र निर्दलीय विधायक वी प्रकाश ने सरकार के पक्ष में मतदान किया। भाजपा के पास अब 106 विधायकों का समर्थन है।
गौरतलब है कि भाजपा सरकार ने सोमवार को ध्वनिमत से विश्वास मत हासिल कर लिया था। लेकिन सदन की यह कार्यवाही अब अदालत के विचाराधीन है। सोलह विधायकों ने हाईकोर्ट की एक पीठ में याचिका दायर कर विधानसभा अध्यक्ष के जी बोपैय्या द्वारा उन्हें अयोग्य करार दिए जाने के आदेश को चुनौती दी है। हाईकोर्ट में विधायकों की याचिकाओं पर अब 18 अक्टूबर को सुनवाई होगी। वहीं किसी भी प्रकार की अप्रिय घटनाओं को रोकने के लिये पुलिस ने राज्य विधानसभा सचिवालय विधान सौध में कड़े सुरक्षा प्रबंध कर रखे थे।
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