
नई दिल्ली : पिछले दो मैचों में ज़बर्दस्त खेल का प्रदर्शन करने वाली भारतीय हॉकी टीम फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से बुरी तरह हार गई एकतरफा मुकाबले में 0-8 से शर्मनाक पराजय का सामना करने के बाद भारत को राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक से ही संतोष करना पड़ा।वैसे राष्ट्रमंडल खेलों के इतिहास में पुरुष हॉकी स्पर्धा में भारत का यह पहला पदक है। इन खेलों में 1998 में हॉकी को शामिल किए जाने के बाद भारत चौथे स्थान पर रहा, जबकि मैनचेस्टर (2002) में उसने स्पर्धा में हिस्सा नहीं लिया और मेलबर्न (2006) में पांचवें स्थान पर रहा था।दूसरी ओर ऑस्ट्रेलियाई टीम ने राष्ट्रमंडल खेलों में लगातार चौथा स्वर्ण पदक जीतकर विश्व हॉकी में अपनी बादशाहत पर फिर मुहर लगा दी। एक ही साल में विश्व कप, चैंपियंस ट्रॉफी और राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली वह पहली टीम बन गई है।ऑस्ट्रेलिया के लिए जॉसन नीलसन (17वां और 28वां मिनट), क्रिस सिरियेलो (20वां), ल्यूक डोरनर (34वां और 51वां मिनट), साइमन ओर्चार्ड (60वां) और जैमी ड्वायेर (67वां मिनट) और ग्लेन टर्नर (70वां) ने गोल किए।पहले ही मिनट से आक्रामक खेल दिखाने वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम ने भारतीय गोल पर लगातार हमले बोले। वहीं प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत कई विशिष्ट अतिथियों की मौजूदगी में खेल रही भारतीय टीम वह जोश, जुनून और आक्रामकता नहीं दिखा सकी, जो उसने पाकिस्तान और इंग्लैंड के खिलाफ दिखाई थी।
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