
नई दिल्ली. पेट्रोलियम पदार्थो की कीमतों को नियंत्रण मुक्त करने के लिए बने मंत्रियों के अधिकार प्राप्त समूह (ईजीओएम) की शुक्रवार को होने वाली महत्वपूर्ण बैठक में इस बार रेल मंत्री ममता बनर्जी और कृषि मंत्री शरद पवार के भाग लेने की पूरी संभावना है। ग़ौरतलब है कि, ये दोनों नेता पेट्रोलियम पदार्थो की कीमतों को नियंत्रण मुक्त किए जाने की नीति का सिद्धांतत: विरोध कर रहे हैं ।
दोनों नेताओं के पिछली बैठक में नहीं आने से कोई फैसला नहीं हो पाया था। बंगाल के निकाय चुनावों में जीत दर्ज करा चुकीं ममता के सामने अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की चुनौती है। इसलिए शुक्रवार को होनी वाली बैठक से पहले ममता बनर्जी ने बुधवार शाम को पेट्रोलियम मंत्री मुरली देवड़ा से मुलाकात कर पेट्रोलियम पदाथरें को नियंत्रण मुक्त करने की नीति और उनके दामों में बढ़ोतरी करने के नफा-नुकसान के गणित को समझने की कोशिश की। ममता का मत है कि पेट्रोलियम पदार्थो को पूरी तरह नियंत्रण मुक्त नहीं किया जाना चाहिए। संभावना है कि शुक्रवार दोपहर को होने वाली बैठक से पहले वह वित मंत्री और ईजीओएम के अध्यक्ष प्रणब मुखर्जी से भी मिलेंगी ।
वैसे स्थानीय चुनाव में जीतने के बाद ममता बनर्जी ने सरकारी कंपनियों कोल इंडिया और हिंदुस्तान कॉपर में सरकारी भागीदारी कम करने के फैसले पर अड़ंगा नहीं लगाया था। ऐसे में यूपीए सरकार के नेतृत्व चाह रहा है कि ममता बनर्जी इस नीति की जरूरत को भी समझें और सरकार को आगे बढ़ने दें। पेट्रोलियम मंत्रालय का कहना है कि पेट्रोलियम पदार्थो के दाम नियंत्रण मुक्त किए जाने से तेल कंपनियों का घाटा पांच हजार करोड़ रुपए तक कम हो सकता है। उधर, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह इस मसले पर ममता और शरद पवार को मनाने का सारा दारोमदार प्रणब दा पर छोड़ कर शुक्रवार को कनाडा रवाना हो रहे हैं ।
: न्यूज़लाइन एजेंसीज़

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