
किर्गिस्तान के हिंसा प्रभावित ओश और जलालाबाद शहरों में फंसे करीब 100 भारतीयों छात्रों व अन्य भारतीयों ने दूतावास के अधिकारियों से उन्हें स्वदेश बुला लेने का
अनुरोध किया है। उनका कहना है कि वहां उनकी जिंदगी खतरे में है। जहीर खान नाम के एक भारतीय स्टूडेंट ने एक चैनल को फोन पर बताया, 'किसी भी छात्र की मौत किसी भी क्षण हो सकती है।' जहीर ने बताया कि हिंसा की वजह से भारतीय छात्र घरों तक ही सिमटे हुए हैं। अमृत दास नाम के एक अन्य छात्र ने बताया, 'मेरे घर के साथ वाली इमारत जल रही है। हम लोग अपने घर में फंसे हुए हैं।' सड़कों पर झड़पों की वजह से स्टूडेंट अपने घरों को लौटने के लिए हवाई अड्डे भी नहीं पहुंच सकते। जलालाबाद में पढ़ने वाली सुमिता ने बताया कि छात्रों के पास खर्च करने को पैसे भी नहीं बचे हैं। छात्रों ने शिकायत की है कि अधिकारियों ने उनसे अपने घरों को अंदर से बंद रखने को कहा है। कुछ छात्रों का कहना है कि बिजली, पानी और घरेलू गैस की आपूर्ति बंद कर दी गई है। किर्गिस्तान की आंतरिक सरकार ने शनिवार को एक आदेश पारित करते हुए पुलिस और सुरक्षाबलों को दंगों पर काबू पाने के लिए दंगाइयों को देखते ही गोली मारने का हुक्म दे दिया।

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