Saturday, February 5, 2011

मोदी के बचाव में उतरी बीजेपी

नई दिल्ली : एसआईटी द्वारा अपनी रिपोर्ट में मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को गुजरात दंगों के मामले में आरोपी क़रार दिये जाने के बाद उनकी पार्टी व प्रमुख विपक्षी दल भाजपा ने खुलकर उनका बचाव करना शुरू कर दिया है। भाजपा द्वारा इस मसले पर मीडिया में प्रकाशित खबरों के आधार पर एसआईटी की रिपोर्ट लीक होने के मामले की जांच की मांग की और इसमें केंद्र की यूपीए सरकार का हाथ होने का अंदेशा भी जताया।

पार्टी के विश्वस्त सूत्रों के अनुसार पिछले नौ वर्षो से कांग्रेस मोदी को कुर्सी से हटाने की और उनकी छवी को धूमिल करने की कई नाकाम कोशिशें कर चुकी हैं। लेकिन इसके विपरीत, मोदी हर बार चुनाव जीतकर विरोधियों के मुंह पर ताला लगाने में कामयाब रहे हैं। मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य को देखते हुए पार्टी रणनीतिकारों का मानना है कि रिपोर्ट लीक होना, ए राजा की गिरफ्तारी के बाद प्रधानमंत्री विपक्षी दलों के निशाने पर आ गए हैं। इसी बात से चिंतित होकर यूपीए सरकार द्वारा भाजपा का ध्यान बंटाने की सोची-समझी साज़िश रची जा रही है।

भाजपा के एक महासचिव का कहना है कि कांग्रेस और यूपीए सरकार इस रिपोर्ट के आधार पर विपक्षी हमलों को कूंद करने की फिराक में है लेकिन भाजपा किसी भी कीमत पर भ्रष्टाचार के मुद्दे पर जेपीसी की मांग से पीछे नहीं हटने वाली। भाजपा महासचिव और प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने साफ किया कि वे एसआईटी की रिपोर्ट पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे, क्योंकि अभी यह रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट के पास विचाराधीन है और इस पर उसे अपना पक्ष देना है।

लेकिन सवाल यह उठता है कि जब सुप्रीम कोर्ट में एसआईटी की रिपोर्ट बंद लिफाफे में सौंपी गई है तो वह लीक कैसे हो गई। उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट की निष्पक्षता पर कोई संदेह नहीं है लेकिन रिपोर्ट लीक करने के पीछे सरकार के कुछ तत्वों के शामिल होने के आसार हैं। कारण कालेधन मामले में जिन 24 लोगों के नाम सुप्रीम कोर्ट के समक्ष बंद लिफाफे में रखे गए हैं वे आज तक सार्वजनिक नहीं हुए। ऐसे में कोर्ट से रिपोर्ट लीक होने की गुंजाइश नहीं है।

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