
पेशावर : इन दिनों पाकिस्तान अपनी अंतरकलह से जूझ रहा है। यहां शायद आतंकी हमलों के अलावा कोई और काम नहीं हो रहा है। आतंकी हमलें होना मानो पाकिस्तान का रिवाज बन गया है। एक ताज़ा घटना में इस बार एक जनाज़े में मौजूद लोगों को निशाना बनाया गया। आज, पाकिस्तान के खबर पख्तूनख्वा प्रांत में जनाज़ा दफनाने के वक्त पढ़ी जाने वाली नमाज के दौरान हुए एक आत्मघाती विस्फोट में कम से 25 लोगों की मौत हो गई और 50 घायल हो गए। अशांत पश्चिमोत्तर क्षेत्र में एक आत्मघाती हमलावर ने तालिबान विरोधी एक मिलिशिया के सदस्यों को निशाना बनाया।
जिला प्रशासन अधिकारी सिराज अहमद खान ने बताया कि हमलावर पेशावर से 35 किलोमीटर दक्षिण में स्थित मट्टानी में शोकाकुल लोगों की भीड़ में मिल गया और अपने शरीर पर बंधे विस्फोटक को उड़ा दिया. जनाजे में 200 से अधिक लोग शमिल थे। हमलावर ने खबर-पख्तूनख्वा प्रांत की राजधानी पेशावर के नजदीक तालिबान विरोधी मिलिशिया ‘अदेजई’ (शांति समिति) के नेता हकीम खान की पत्नी के जनाजे में शरीक लोगों को अपना निशाना बनाया।
प्रांतीय सूचना मंत्री मियान इफ्तिकार हुसैन ने बताया कि विस्फोट में कम से कम 25 लोग मारे गए हैं और 50 से अधिक लोग घायल हुए हैं. इनमें से कई की हालत नाजुक है। घायलों में से 20 को पेशावर के लेडी रीडिंग अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है।
प्रतिबंधित संगठन तहरीक-ए-तालिबान के दारा अदम खेल शहर गुट ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है और कहा है कि हमले का उद्देश्य अदेजई इलाके में सैन्य अभियान में मारे गए आतंकियों का बदला लेना है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है क्योंकि घायल हुए लोगों में कई की हालत नाजुक है।
प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने इस हमले की कड़ी निंदा की है और देश के हर कोने से आतंकवाद रूपी कैंसर को जड़ से उखाड़ फेंकने का अपना संकल्प दुहराया है. उन्होंने कहा, ‘शांतिप्रिय नागरिकों पर इस तरह के कायर हमले देश की हिम्मत को कम नहीं कर सकते है.’
गौरतलब है कि अदेजई नाम का यह मिलिशिया पेशावर के आसपास के क्षेत्रों से तालिबान आतंकियों को निकाल बाहर करने के लिए संघर्षरत है। गौरतलब है कि इससे पहले साल 2009 में भी इस मिलिशिया के नेता अब्दुल मलिक की आत्मघाती हमले में ही मौत हुई थी।
हालिया कुछ महीनों में मिलिशिया के नेताओं ने यह शिकायत की थी कि तालिबान से उनकी लड़ाई में सरकार उचित सहायता नहीं कर रही है। तालिबान से भी इनको समय-समय पर धमकियां मिलती रहती हैं।