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Friday, July 29, 2011

‘गुप्त समझौते’ में शामिल थे नीरा, टाटा:चंदोलिया


नई दिल्ली: पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा के पूर्व सहयोगी आर के चंदोलिया ने 2 जी मामले में कॉरपोरेट उद्यमियों और लॉबीइस्ट नीरा राडिया को यह कहते हुए आरोपी के तौर पर घसीटने की कोशिश की कि वे टाटा समूह और कलेंग्नर टीवी के बीच हुए कथित ‘गुप्त समझौते’ में शामिल थे।

चंदोलिया के वकील ने सीबीआई के विशेष न्यायाधीश ओपी सैनी से कहा कि राजा के कथित सहयोगी असीरवदम आचारी ने कथित तौर पर कलेंग्नर टीवी को टाटा स्काय डीटीएच में लाने की साजिश रची और इसके लिए राजा और नीरा के बीच वाहक का काम किया। वकील ने कहा कि बातचीत के दौरान नीरा ने जब समझौते के संदर्भ में बात की, आचारी ने उनसे कहीं भी नहीं पूछा कि वह किस बारे में बात कर रही हैं। इससे पता चलता है कि आचारी को राजा द्वारा किए जा रहे कलेंग्नर टीवी और टाटा के बीच के समझौते के बारे में पूरी जानकारी थी।

चंदोलिया की ओर से पेश वकील विजय अग्रवाल ने कहा कि इसे देखते हुए टाटा, नीरा, आचारी और कलेंग्नर टीवी को इस मामले में आरोपी बनाया जाना चाहिए। टाटा और नीरा बड़े लोग हैं और सीबीआई उन्हें छू भी नहीं सकती, लेकिन आचारी को क्यों नहीं। चंदोलिया ने आरोप लगाया कि इन सभी लोगों ने कथित तौर पर कलेंग्नर टीवी को टाटा स्काय में लाने की साजिश रची। मामले में खुद को निर्दोष साबित करने की मांग करते हुए चंदोलिया ने कहा कि किसी भी अपराध की जिम्मेदारी उन पर नहीं डाली जा सकती क्योंकि वह सिर्फ अपने ‘बॉस’ ए राजा के आदेशों का पालन कर रहे थे। चंदोलिया ने सवाल किया कि नीरा और टाटा के बीच आचारी के माध्यम से समझौते हुए, जिसने एक वाहक का काम किया। वे लोग जेल में क्यों नहीं हैं, जबकि मेरी इस मामले में कोई भूमिका नहीं होने के बावजूद मैं जेल में हूं।

Thursday, April 14, 2011

शरद पवार तक पहुंची 2-जी स्पेक्ट्रम घोटाले की आंच


नई दिल्ली : अब तक के सबसे बड़े 2-जी स्पेक्ट्रम घोटाले की आंच एनसीपी अध्यक्ष और केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार जा पहुंची है। सीबीआई से पूछताछ के दौरान नीरा राडिया ने शरद पवार का नाम लिया है। एक अंग्रेज़ी अख़बार ने इस ख़बर की पुष्टि की है। पहले ही विवादों में घिरे शरद पवार के लिये यह बात नई मुश्किल खड़ी कर सकती है।

एक अंग्रेजी अखबार में छपी खबर के मुताबिक कारपोरेट लाबिस्ट नीरा राडिया ने शरद पवार का नाम लिया है। अखबार के मुताबिक नीरा राडिया ने टेप मामले में पूछताछ के दौरान जो बयान सीबीआई के सामने दिया था उसे 2-जी घोटाले की चाजर्शीट में शामिल करके कोर्ट के सामने रखा गया है।

राडिया ने यह भी कहा है कि उन्होंने ये आरोप डिबी रियल्टी से जुड़े दो अहम लोगों शाहिद बलवा और विनोद गोयनका की पवार से नजदीकियों को देखते हुए लगाए हैं। हालाकि शरद पवार इस बात से इनकार कर चुके हैं कि उनका डीबी रियल्टी ग्रुप के साथ कोई लेना देना है लेकिन विनोद गोयनका ने मराठा नेता के साथ पारिवारिक रिश्ते की बात कही है।

नीरा राडिया ने सीबीआई से कहा है कि हो सकता है कि कृषि मंत्री शरद पवार का विवादास्पद डीबी रियल्टी पर नियंत्रण हो और उन्होंने स्वान टेलीकॉम को स्पेक्ट्रम और लाइसेंस दिलाने के लिए पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा से पैरवी की हो हालाकि राडिया ने यह भी साफ किया है कि इन आरोपों को साबित करने के लिए उनके पास किसी तरह का सबूत नहीं है।

Thursday, January 13, 2011

गुजरात की सफलता में नैनो का हाथ



गांधी नगर: टाटा समूह के चेयरमैन रतन टाटा का नैनो को बंगाल से उठाकर सानंद में स्थापित करने का फैसला गुजरात राज्य की सफलता में मील का पत्थर साबित हुआ है। रतन टाटा ने 2007 के वाइब्रैंट गुजरात समिट में भाग तो लिया था लेकिन वे उससे खुश नहीं थे। उसके बाद अक्टूबर 2008 में नैनो प्लांट को बंगाल से उठाकर सानंद लाया गया जिसके पीछे कॉरपोरेट लॉबीइस्ट नीरा राडिया का हाथ था।

नैनो का सानंद आना नरेन्द्र मोदी और गुजरात के लिए भी एक लैंडमार्क था। साथ ही रतन टाटा के इस एक निर्णय से मोदी की छवि बदल गई।

बिजनेस एनालिस्ट सुनील पारेख के मुताबिक, सबसे सस्ती कार होने के कारण नैनो को दुनिया भर में पब्लिसिटी मिली और हर किसी ने जानना चाहा कि यह कहां बनती है। तब गुजरात राज्य का नाम सस्ती कारें बनाने वाले डेस्टीनेशन के रुप में उभरा।

हालांकि नैनो की बिक्री बेशक उस रफ्तार से नहीं हो रही है जिससे होनी चाहिये। लेकिन इसने नरेन्द्र मोदी के राजनीतिक कद को काफी बढ़ा दिया है, जिसका फायदा उन्हें अगले चुनाव में भी मिलेगा।

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