Thursday, March 10, 2011

धर्मगुरू नित्यानंद ने स्वीकारी अपनी ’अय्याशी’


बेंगलुरु : आश्रम के नाम पर अय्याशी का अड्डा चलाने वाले गुरू नित्यानंद ने आख़िरकार स्वीकार कर लिया है कि वह नामर्द नहीं है। पिछले साल, सेक्स स्कैंडल के खुलासे के बाद से ही ख़ासी चर्चा बटोर चुके दक्षिण के प्रसिद्ध धर्मगुरु स्वामी नित्यानंद के मामले में एक और नया खुलासा हुआ है।

नित्यानंद सेक्स स्कैंडल की जांच में जुटी सीआईडी टीम के सामने पूछताछ में बाबा ने स्वीकार किया है कि वो नामर्द नहीं है। इससे पहले नित्यानंद ने अपनी सफ़ाई में कहा था कि वो ना तो पुरुष है और ना ही महिला। सेक्स करने में तो वो पूरी तरह अक्षम हैं। लेकिन अब सीआईडी के सवालों का जवाब देते हुए नित्यानंद ने स्वीकार किया है कि उसने अपने आश्रम में करीब 15 महिलाओं से सेक्स संबंध बनाए लेकिन उनके नाम उसे याद नहीं है।

नित्यानंद ने यह भी कहा कि वो सभी महिलाओं से उनकी मर्जी से सेक्स करता था। हालांकि नित्यानंद का यह भी कहना है कि उसने कुछ भी गैरकानूनी नहीं किया। सामाजिक या धार्मिक रूप से उसके कृत्य गलत हो सकते हैं लेकिन उसने किसी भी कानून का उल्लंघन नहीं किया।

नित्यानंद जैसे ना जाने कितने ये अय्याश और पाखंडी बाबा, लोगों की आस्था के साथ खुला खिलवाड़ करते हैं। लेकिन हमारे देश की ये जनता आंखें मूंद कर इन ढ़ोंगियों पर यक़ीन कर लेती है और इनका शिकार बनती है। आजकल की जनता को इन बाबाओं पर भगवान से ज़्यादा आस्था और विश्वास होने लगा है।

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