
नई दिल्ली : हॉलैंड के खिलाफ मैच से ठीक पहले टीम इंडिया के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने एक सनसनीख़ेज़ बयान देकर सब को चौंका दिया है। क्रिकेट प्रेमियों समेत पूरे देशवासियों को चौंका देने वाले इस बयान का क्या मतलब निकाला जाए, ये तो धोनी ही बता सकते हैं। धोनी ने कहा "टूर्नामेंट में भारतीय टीम की एक हार होनी बाकी है, लेकिन वो आज का मैच नहीं हारना चाहते"
धोनी जानते हैं कि हॉलैंड के बाद बाकी दो मुकाबले दक्षिण अफ्रीका और वेस्टइंडीज से होने हैं और उनमें से कोई टीम भारत के लिए मुसीबत खड़ी कर सकती है। लेकिन धोनी कम से कम कल का मैच जीतकर अपना विजय अभियान फिलहाल जारी रखना चाहते हैं।
भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने मंगलवार को कहा कि वह विश्व कप में खेल रही किसी भी टीम को कमजोर नहीं मानते। इस लिहाज से भारतीय टीम हॉलैंड के साथ बुधवार को होने वाले अपने चौथे मुकाबले के लिए उसी स्तर की तैयारी कर रही है, जिस स्तर की उसने इंग्लैंड से भिड़ने के लिए की थी।
हालांकि, धोनी किसी भी टीम को क़मज़ोर नहीं आंकते। "मैंने यह कभी नहीं कहा कि फलां टीम कमजोर है। हमें पता है कि विश्व कप में उलटफेर होते रहते हैं और हम 2007 में इसका शिकार हो चुके हैं। पिछले विश्व कप में कमजोर कही जाने वाली टीम से हारने वाली कोई टीम चार साल बाद किसी को भी कमजोर कहके कैसे नकार सकती है"
धोनी ने कहा कि उनके साथी हॉलैंड के साथ कोटला मैदान पर होने वाले मैच के लिए उसी स्तर की तैयारी कर रहे हैं, जिस स्तर की वे इंग्लैंड, दक्षिण अफ्रीका या फिर वेस्टइंडीज के साथ खेलने के लिए करते हैं। हॉलैंड के साथ हमारा अगला मैच है, यह सोचकर हमने अपनी तैयारी की गम्भीरता के साथ समझौता नहीं किया है। हम जानते हैं कि यह मैच हमारे लिए कितना अहम है और यही कारण है कि हम इसे जीतने के लिए सबकुछ दांव पर लगा देना चाहते हैं।
दक्षिण अफ्रीका के साथ आगामी शनिवार को खेले जाने वाले महत्वपूर्ण मुकाबले से पहले भारतीय टीम के पास अपनी कमजोर कड़ियों को ठीक करने का एक अच्छा मौका है। धोनी की टीम हॉलैंड के साथ खेले जाने वाले ग्रुप-बी के अपने चौथे मैच के साथ आने वाली कठिन परीक्षा की तैयारी कर सकते हैं।
गेंदबाजी, भारतीय टीम की सबसे कमजोर कड़ी के तौर पर उभरी है। खासतौर पर स्पिन विभाग बुरी तरह नाकाम साबित हुआ है। रविचंद्रन अश्विन को मौका ही नहीं मिला है जबकि हरभजन सिंह और पीयूष चावला ने निराश किया है। अनियमित गेंदबाज के तौर पर युवराज ने पांच विकेट लेकर इस विभाग को बिखरने के बचाया था।
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