
देवबंद : गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की हिमायत में बयान देने के कारण विवादों से घिरे मौलाना गुलाम मोहम्मद वस्तानवी, देश के प्रमुख इस्लामी शिक्षण संस्थानों में शुमार दारुल उलूम देवबंद के मोहतमिम (वाइस चांसलर) बने रहेंगे। मजलिस-ए-शूरा (दारुल उलूम की गवर्निंग काउंसिल) की बैठक में आमराय से आज यह फैसला लिया गया।
दारुल उलूम देवबंद के नायब मोहतमिम मौलाना खालिक मदासी ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि शूरा की बैठक में मौलाना वस्तानवी को मोहतमिम के पद पर बनाए रखने का फैसला किया गया है, जबकि मौलाना अबुल कासिम बनारसी को कारगुजार (कार्यवाहक) मोहतमिम बनाया गया है।
उन्होंने बताया कि वस्तानवी पर गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की कथित रूप से तारीफ करने तथा अन्य आरोपों की जांच के लिए एक समिति गठित की गई है। मौलाना मदासी ने बताया कि सुबह 10 बजे शुरू हुई इस बैठक में शूरा के 21 में 15 सदस्यों ने शिरकत की थी। इस बैठक में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना राबे हसन नदवी समेत छह सदस्य शामिल नहीं हुए।
गौरतलब है कि 10 जनवरी को दारुल उलूम देवबंद के मोहतमिम चुने गए गुजरात के वस्तानी इलाके के निवासी मौलाना वस्तानवी ने मोदी की कथित तारीफ के बाद अपने खिलाफ शुरू हुए अभियान के चलते इस्तीफे की पेशकश की थी। बुधवार को इसी सिलसिले में शूरा की बैठक बुलाई गई थी।
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