
बुलंदशहर: मुख्यमंत्री मायावती के जगह जगह चल रहे दौरे आम जनता के परेशानियों को कम करने के बजाय उन्हें बढ़ा रहें है। उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में मायावती के सुरक्षा इंतजामो की वजह से रोके गये रास्ते में एक बीमार दलित महिला ने इलाज के अभाव में दम तोड़ दिया।
मामला बुलंदशहर का है जहां पर बहन जी के दौरे के समय किये गये सुरक्षा इंतजामो में एक दलित महिला (गीता) की जान चली गई। गीता के पति प्रेमचंद के मुताबिक गीता के सिर में तेज़ दर्द था इसलिये सुबह परिजन उसे लेकर बुलंदशहर जा रहे थे। लेकिन मुख्यमंत्री के दौरे की वजह से गीता की वैन को शिकारपुर रोड़ पर ही रोक दिया गया। प्रेमचंद ने गीता की गंभीर स्थिति को देखते हुए पुलिस की बहुत मिन्नतें की लेकिन पुलिस ने उसकी एक ना सुनी। उसने दूसरे रास्ते से निकलने की कोशिश की लेकिन वहां भी पुलिस का पहरा होने की वजह से वह अस्पताल नहीं जा सका और दो घंटे तड़पने के बाद आखिरकार गीता ने वैन में ही दम तोड़ दिया।
इस पूरे मामले पर प्रशासनिक अधिकारी पल्ला झाड़तें नज़र आ रहे हैं। बुलंदशहर के डीएम शशी भूषण का कहना है कि सिर्फ रुट ड़ायवर्ट करने आदेश थे, ट्रेफिक रोकने के नहीं। लेकिन सुरक्षा इंतजामों की वजह से दलित महिला गीता बाल्मिकि की जान चली गई, इसकी जवाबदेही आखिर किसकी है?
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