
मुंबई : 26 नवंबर, 2008 को मुंबई के ताज होटल पर आतंकी हमला करने वाले आतंकवादियों में से एकमात्र ज़िंदा पकडा जाने वाला हमले का दोषी अजलम आमिर कसाब की सज़ा का फ़ैसला बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा 21 फरवरी को सुनाया जाएगा। आतंकी अजमल कसाब की अपील पर करीब तीन महीने तक चली सुनवाई के बाद कोर्ट ने आज फैसले के लिए यह तारीख तय की है। इससे पहले हाईकोर्ट ने 18 जनवरी को अपना फैसला 7 फरवरी तक सुरक्षित कर लिया था। इसी आतंकी हमले में हमारे देश ने एक जांबाज़ अफ़्सर ’एटीएस प्रमुख’ हेमंत करकरे को भी खो दिया था।
गौरतलब है कि करीब 26 महीने पहले हथियारों से लैस होकर आए दस पाकिस्तानी आतंकियों ने मुंबई पर हमला बोला था। कसाब और उसके साथियों ने तीन दिनों तक मुंबई शहर को हिलाकर रख दिया था। इस आतंकी हमले में विदेशी पर्यटकों समेत 166 लोग मारे गए थे और काफी तादाद में जख्मी हुए थे। उन दस आतंकियों में से केवल अजमल कसाब को जिंदा गिरफ्तार किया गया था, जिसे स्पेशल कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी। कसाब वर्तमान में ऑर्थर रोड जेल में बंद है।
स्पेशल कोर्ट ने गत 6 मई, 2010 को इस हमले से जु़डे अलग-अलग पांच आरोपों में अजमल कसाब को फांसी की और पांच आरोपों में उम्रकैद की सजा सुनाई थी। उसके खिलाफ हत्या, हत्या की साजिश, देश के खिलाफ जंग छे़डना, हत्या में सहयोग देना और गैर-कानूनी गतिविधि अधिनियम के तहत आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने जैसे ख़तरनाक आरोप हैं। हाईकोर्ट इस मामले में कसाब के अलावा अन्य दो भारतीय आरोपियों फहीम अंसारी और सबाहुद्दीन शेख के मामले में फैसला सुनाएगा। इन दोनों को स्पेशल कोर्ट ने सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था।
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