Monday, September 13, 2010

भोपाल में लड़कियों की खरीद-फरोख्त वाले गिरोह सक्रिय

भोपाल में रोज महिलाओं और किशोरियों का गुम होना लोगों की परेशानी का कारण बन गया है। इस साल जुलाई तक राजधानी से करीब छह सौ महिलाएं और लड़कियां गुम हो चुकी हैं। इनमें से वापस लौटने वालों की संख्या 170 है। सोचने वाली बात ये है कि ये आंकड़ा उन लोगो का है, जिनकी रिपोर्ट दर्ज हो चुकी है। जबकि समाज का एक बड़ा हिस्सा ऐसा भी है, जो बदनामी के ड़र से पुलिस थानों की सीढ़ियां ही नहीं चढ़ता। पुलिस अधिकतर मामलों में गुमशुदगी कायम कर खानापूर्ति कर देती है। किसी मामले में दबाव ज्यादा बढ़ा तो गुमशुदगी को अपहरण में तब्दील कर दिया जाता है। उसके बाद फाइल थाने में धूलफांकती रहती है।
पुलिस के मुताबिक गुम होने वाली ज्यादातर महिलाएं घरेलू विवाद के चलते परेशान होकर घर छोड़ देती हैं। जबकि लड़कियों के गुम होने वाले मामलों में प्रेम-प्रसंग एक बड़ा कारण बनता है। ज्यादातर मामलों में लड़कियां और महिलाएं घर वापस आ चुकी हैं। लेकिन यहां पर छोटी उम्र की लड़कियों का गुम होना सवाल खड़े करता है। प्रदेश में महिलाओं व लड़कियों की खरीद-फरोख्त से जुड़े गिरोहों के सक्रिय होने के प्रमाण मिले हैं। जो बच्चियों और महिलाओं को अगवा कर उन्हें वैश्यावृत्ति के गलत धंधे में धकेल देते हैं।


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