
भारत सरकार का मंत्री समूह भोपाल गैस हादसे के बाद आरोपियों के खिलाफ कानूनी विकल्प तलाश रहा है. जीओएम की लगातार दूसरे दिन शनिवार को बैठक हुई, जिसमें खास तौर पर कानूनी पेंच पर विचार किया गया. सोमवार को रिपोर्ट सौंपी जानी है |
मध्य प्रदेश की अदालत ने 7 जून को भोपाल कांड में फैसला सुनाया था, जिसमें आरोपियों को सिर्फ दो साल की सजा मिली थी. इस फैसले पर असंतोष बढ़ने के बाद भारत सरकार ने मंत्री समूह यानी "जीओएम" का गठन किया था. इसमें 9 मंत्री शामिल हैं.इसकी पहली बैठक शुक्रवार को हुई |
जीओएम की अध्यक्षता कर रहे गृह मंत्री पी चिदंबरम ने कहा, "हमने अदालत के फैसले के बाद सभी कानूनी पक्षों और कानूनी विकल्पों पर विचार विमर्श किया है. हमने सभी पक्षों की बात सुनी है और हम(जीओएम) एक आम सहमति की ओर बढ़ रहे हैं | हालांकि उन्होंने इससे ज्यादा जानकारी देने से परहेज़ किया |
अन्य मुद्दों के अलावा जीओएम इस बात पर भी विचार कर रहा है कि 1984 के गैस कांड पीड़ितों के मुआवजे की राशि बढ़ाई जाए. भारत के योजना आयोग ने पहले ही पीड़ितों के लिए 982 करोड़ के पैकेज का एलान कर दिया है | चिदंबरम ने ये भी कहा कि इन सभी पक्षों को उस रिपोर्ट में शामिल किया जाएगा, जो रिपोर्ट, सोमवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को सौंपी जानी है |
: न्यूज़लाइन एजेंसीज़

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