

दिल्ली - पेट्रोल-डीजल एवं रसोई गैस की कीमतों में बढ़ोतरी ने लोगों को फिक्रमंद कर दिया है। एक ही झटके में उनका मासिक खर्च डेढ़ हजार रूपये बढ़ना लगभग तय है । पेट्रोल व गैस के दामों में बढ़ोतरी का सीधा असर जबकि डीजल की कीमतें बढ़ने के कारण किराना व दूसरी दैनिक उपयोग की चीजों का ट्रांसपोर्टेशन खर्च बढ़ेगा। अंतत: इसकी भरपाई आम आदमी को करनी पड़ेगी। एक बाइक, एक कार, दो सिलिंडर महीने की खपत वाले परिवार का बजट अभी अगर 12000 रूपये है तो मूल्यवृद्धि से इस पर 1500 रूपये के आसपास की बढ़ोतरी होना लगभग तय है ।
जिन घरों में एक दोपहिया वाहन है और रोजाना एक लीटर की खपत है, उन्हें महीने में 105 रुपए अधिक देने होंगे। दो दोपहिया वाहन होने पर यही खर्च बढ़कर 210 रुपए हो जाएगा। जिनके घर में कार वगैरह है और एक दिन में पांच लीटर की खपत है उन्हें महीने में 525 रुपए अधिक खर्च करने होंगे। इस तरह दो चारपहिया वाहन होने पर 1050 रुपए देने होंगे। थोक व्यापारियों की मानें तो डीजल के दाम में बढ़ोतरी की वजह से सब्जियों एवं किचन की सामग्री में 20 से 25 फीसदी की वृध्दि हो जाएगी। इससे महीने में राशन का खर्च अगर ढाई हजार है तो वह लगभग पांच सौ रुपए बढ़ जाएगा। इतना ही नहीं, एक सिलेंडर की खपत पर 35 और महीने में दो सिलेंडर का उपयोग करने पर 70 रुपए अतिरिक्त खर्च करने होंगे ।
वर्तमान में राजधानी में पेट्रोल सादा 41.08, प्रीमियम 51.43, डीजल 39.52 रुपए एवं रसोई गैस 310 रुपए में प्राप्त हो रही है। ऐसे में पेट्रोल में 3.50, डीजल में 2 एवं रसोई गैस में 35 रुपए की वृध्दि ने महंगाई और बढ़ा दी है। चार महीने में ही दूसरी बार वृध्दि होने पर लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर है ।
सरकार के पास हर समस्या का हल है, लेकिन सरकार की समाधान की सामग्री, केवल काग़ज़ो तक ही सीमित होकर रह जाती है ।
: न्यूज़लाइन एजेंसीज़

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