
टोरंटो. भारत और कनाडा ने द्विपक्षीय संबंधों तथा ऊर्जा के क्षेत्न में सहयोग की दिशा में कदम बढ़ाते हुए आज यहां असैन्य परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर किये। सूत्नों ने बताया कि दोनों देशों के बीच असैन्य परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर प्रधानमंत्नी मनमोहन सिंह और कनाडा के प्रधानमंत्नी स्टीफन हार्पर के बीच बातचीत के बाद किये गए।
दोनों देशों के बीच असैन्य परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह एनएसजी द्वारा भारत को समर्थन जारी रखने के बयान के बाद हुआ है। 46 देशों के इस समूह ने न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च में 24 और 25 जून को हुई बैठक के बाद जारी बयान में संगठन के दिशा-निर्देशों को लागू करने में भारत की वचनबद्धता की सराहना करते हुए असैन्य परमाणु सहयोग करार को लागू करने के प्रति अपना समर्थन दोहराया था।
प्रधानमंत्नी ने असैन्य परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर होने के बाद हार्पर के साथ यहां आयोजित एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भारत अंतरराष्ट्रीय परमाणु एजेंसी आईएईए की शर्तो के मुताबिक यह सुनिश्चित करेगा कि इस समझौते के तहत कनाडा द्वारा आपूर्ति किये जाने वाले परमाणु सामग्री का निर्धारित उपयोग के अलावा अन्य कोई उपयोग न हो।
हार्पर ने कहा कि उन्होंने डा. सिंह के साथ इस संबंध में विस्तृत बातचीत की है और इस मामले में उन्हें भारत पर पूरा भरोसा है । उन्होंने कहा कि हम 1970 के समय के देश में नहीं रह सकते। भारत एक महत्वपूर्ण देश है जो हमारे साथ महत्वपूर्ण मूल्य साझा करने के साथ ही हमारे जैसे खतरों का सामना भी करता है।
: न्यूज़लाइन एजेंसीज़

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