Monday, June 14, 2010

सरोकार: जल्दी चढ़ रहा है, जवानी का ज्वर!!


लंदन. वैज्ञानिकों का दावा है कि लड़कियां अब 11 साल की बजाय 9 साल की उम्र में ही यौवन की दहलीज को छू रही हैं। इसका कारण मोटापा या खाद्य पदार्थो पर पड़ता रासायनिक असर हो सकता है। ‘द संडे टाइम्स’ के मुताबिक एक हजार लड़कियों पर हुए शोध में पता चला है कि उनके वक्ष का विकास औसतन नौ वर्ष 10 महीने की आयु में ही होने लगता है। वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी कि कम उम्र की लड़कियां यौन परिवर्तन से तालमेल नहीं बैठा पातीं, क्योंकि इस दौरान वे प्राथमिक स्कूलों में पढ़ रही होती हैं। ऐसे परिवर्तनों से उनमें दीर्घकाल में स्तन कैंसर विकसित होने का खतरा हो सकता है। कोपेनहेगन यूनिवर्सिटी के एंडर्स जूल ने कहा, हम हैरान हैं कि सिर्फ़15 वर्ष की अवधि में ये बदलाव आया है। ये स्पष्ट संकेत हैं कि हमारे बच्चों को कोई चीज प्रभावित कर रही है, फिर चाहे वह जंक फूड हो, पर्यावरण में घुले रसायन हों या शारीरिक श्रम की कमी हो। शोधकर्ता अब लड़कियों के रक्त और मूत्र के नमूने ले रहे हैं ताकि पता चल सके कि क्या कम उम्र में परिपक्वता और ‘बाइसफेनोल ए’ के बीच कोई संबंध है। ‘बाइसफेनोल ए’ टीन के डिब्बों और दूध पिलाने में इस्तेमाल होने वाली बोतलों में पाया जाने वाला प्लास्टिक है। वैज्ञानिकों का कहना है कि जल्द यौवनारंभ के पीछे एक और कारण आहार हो सकता है।

No comments:

Post a Comment

ADS

चिट्ठाजगत तुरंत छापो

चिट्ठाजगत

The Alex hotel New York