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Saturday, February 19, 2011

अब UNSC में भारत को मिलेगी स्‍थायी सीट


वाशिंगटन : दुनिया के देशों में ग्लोबल पावर के तौर पर उभर रहे भारत को एक नई क़ामयाबी मिलने जा रही है। अब भारत को संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की स्‍थायी सीट मिलने की दिशा में प्रगति के आसार दिख रहे है। सुरक्षा परिषद में भारत की दावेदारी से जुड़े प्रस्‍ताव को अमेरिकी संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा में पेश किया गया।

गुरुवार को डेमोक्रेट सांसद एलसी हैस्टिंग्‍स की ओर से ये प्रस्ताव पेश किया गया। दर्जनों प्रतिनिधियों ने इस प्रस्‍ताव का समर्थन किया। अब इस प्रस्‍ताव को विदेश मामलों की सदन की समिति को रिफर कर दिया गया है।

इस प्रस्‍ताव में भारत को अमेरिका का एक मजबूत लोकतांत्रिक सहयोगी देश, अर्थव्‍यवस्‍था के क्षेत्र में अहम भागीदार और उभरती विश्‍व शक्ति का दर्जा देते हुए सुरक्षा परिषद का स्‍थायी सदस्‍य बनाए जाने का समर्थन किया गया है। प्रस्‍ताव में भारत को स्‍थायी सीट दिलाने में अमेरिकी राष्‍ट्रपति बराक ओबामा के अमेरिका के सहयोगी व मित्र देशों का सहयोग हासिल करने के प्रयासों की भी सराहना की गई है।

Tuesday, February 15, 2011

भारत, दुनिया के भरोसेमंद बाजारों में से एक: ओबामा


पिछले काफ़ी समय से भारत की ओर ख़ास नज़र किये हुए अमेरिका ने अब भारत के बाज़ार की दुनिया के भरोसेमंद बाज़ारों में गिनती की है। अपने देश में सालाना बजट प्रस्ताव भेजते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपने सांसदों से ख़िताब करते हुए भारत को विश्व के सबसे महत्वपूर्ण उभरते हुए और भरोसेमंद बाजारों में से एक माना है।

ओबामा प्रशासन के सालाना बजटीय प्रस्ताव के मुताबिक, ‘भारत में अमेरिकी कंपनियों के पास अपने उत्पादों और सेवाओं को विस्तार देने का प्रचुर अवसर उपलब्ध है।’

व्हाइट हाउस के बजटीय प्रस्ताव के मुताबिक, ‘नवंबर में राष्ट्रपति की भारत यात्रा के इतर जिन कारोबारी लेनदेन की घोषणा की गई थी, उनका कुल मूल्य 14.9 अरब डॉलर था। इसमें अमेरिकी निर्यात 9.5 अरब डॉलर का होगा, जिससे रोजगार के 53,670 अवसर निर्मित होंगे।

प्रस्ताव के मुताबिक़, दोनों देशों के बीच होने वाले इस सार्वजनिक और निजी सहयोग के ज़रिये भारत-अमेरिका सामरिक भागीदारी मजबूत होगी और दोनों देशों की आर्थिक वृद्धि तथा विकास में मदद भी मिलेगी। ओबामा प्रशासन के बजटीय प्रस्ताव के अनुसार, जिन क्षेत्रों में विकास होगा उनमें व्यावसायिक और सैन्य विमानों, गैस तथा स्टीम टरबाइन की बिक्री शामिल है।

बजटीय प्रस्ताव कहता है कि चीन, भारत तथा अन्य विकासशील देशों की उभरती अर्थव्यवस्थाओं को शामिल कर जो विश्व बाजार उभरा है, वह अमेरिका को नए उपभोक्ताओं तक सामानों तथा सेवाओं को निर्यात करने का अवसर प्रदान करता है।

ओबामा के बजट प्रस्ताव के मुताबिक नसीहत दी गई है कि, विश्व के 95 फीसदी उपभोक्ता और तेजी से उभरते बाजार देश की सीमाओं के बाहर होने के चलते हमें हमारे आर्थिक विकास तथा रोजगार निर्माण की ओर से आक्रामक तरीके से ध्यान देना चाहिए।

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