
पिता की मौत ने दो बहनों को इतना व्यथित कर दिया कि उन्होंने खुद को ही अपने घर में बंद कर लिया। इन दोनों ने इस दौरान न तो कुछ खाया-पिया और न ही कपड़े बदले। 7 महीने बाद जब इन दोनों बहनों को बंद मकान से बाहर निकाला गया तो इनकी स्थिति कंकाल जैसी हो चुकी थी, समाजसेवी संगठन और कालोनी वासियों की मदद से पुलिस इन दोनों बहनों को जबरन निकाल कर अस्पताल में भर्ती कराया है, जहां एक बहन की हालत चिंताजनक बनी हुई है। एक बहन का नाम सोनाली, दूसरी का अनुराधा है।
नोएडा के सेक्टर-29 के फ्लैट-326 में दो लड़कियां पिछले 7 महीने से घर में बंद थीं । रेज़ीडेंट वेल्फेयर एसोसिएशन ने कुछ दिन पहले पुलिस को शिकायत दर्ज कराई थी कि इस फ्लैट में रहने वाले का अता-पता उसे नहीं है क्योंकि कोई बाहर नहीं निकलता पर आवाज अकसर सुनी जा सकती है।
मंगलवार सुबह नोएडा पुलिस एक समाजसेवी संगठन की मदद से इस फ्लैट में पहुंची। आरडब्ल्यूए के मुताबिक यहां पर एक रिटायर्ड कर्नल अपने तीन बच्चों के साथ रहते थे। सात महीने पहले जब रिटायर्ड कर्नल की मौत हुई तो इस घर का लड़का भी यहां से चला गया और दो बहनें यहीं रह गई। तभी से कभी घर का दरवाजा खुला नहीं देखा गया। जब पुलिस दरवाजा खोलने की कोशिश कर रही थी, तो अंदर से नहीं-नहीं की हल्की और कमज़ोर सी आवाज आ रही थी।
इन दोनों लड़कियों ने खुद को घर में स्वेच्छा से बंद कर रखा था। पोलिस द्वारा दरवाजा खोले जाने पर कमरे में से बहुत बदबू आ रही थी। एक लड़की तो उठने की स्थिति में ही नहीं थी और पूरी तरह से कंकाल हो चुकी थी। उसे किसी तरह स्ट्रेचर पर बाहर लाया गया। दूसरी बहन की हालत भी काफ़ी ख़राब हो चुकी थी। उसके मुंह से इतनी बदबू आ रही थी कि उसके सामने खड़ा होना भी मुश्किल था। वो तीन-तीन स्वेटर पहने हुई थी जो वे अपने पिता की मृत्यु के बाद से पहने हुई थी। दोनों बहनों को नोएडा के कैलाश अस्पताल में भर्ती कराया गया है पर बड़ी बहन हालत काफ़ी चिंताजनक बताई जा रही है।
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