नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अपनी पांच दिन की चीन यात्रा पर आज रवाना हो गये। प्रधानमंत्री पांच विकासशील देशों के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिये चीन गये हैं। ब्रिक्स के नाम से चर्चित इन देशों - ब्राजील,रूस,भारत,चीन और दक्षिण अफ़्रीका के नेता ईंधन और खाद्य सुरक्षा जैसे बड़े मुद्दों पर समन्वित प्रयास की आवश्यकता पर बल देने के साथ साथ खाड़ी तथा उत्तरी अफ़्रीकी देशों में उभरी नई अनिश्चितताओं से उत्पन्न स्थिति पर भी चर्चा करेंगे।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की यह विदेश यात्रा पांच दिन की है, जिसमें आखिरी दो दिन वह कजाकिस्तान में होंगे। प्रस्थान के समय सिंह ने एक बयान में कहा, आर्थिक वृद्धि के परंपरागत स्रोत अब भी दबाव में हैं और इस बीच विश्व के विभिन्न हिस्सों में हाल की घटनाओं से अनिश्चितता उभरी है. सम्मेलन के विषयों के बारे में में विदेश मंत्रालय में सचिव आर्थिक संबंध मानबीर सिंह ने कल कहा था कि लीबिया एक ‘प्रमुख मुद्दा’ है क्योंकि यह सभी बिक्स देशों को प्रभावित करता है. शिखर सम्मेलन में इस मुद्दे पर चर्चा होने की उम्मीद है.
चीन के दक्षिणी तटवर्ती शहर सान्या में होने इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री सिंह की चीनी राष्ट्रपति हू जिंताओं, रूस के राष्ट्रपति दमित्री मेदवेदेव, ब्राजील के राष्ट्रपति दालिमा रोसेफ़ और दक्षिण अफ़्रीका के राष्ट्रपति जैकब जुमा से मुलाकात करेंगे।
प्रधानमंत्री की इस यात्रा को भारत-चीन के संबंधों के निहितार्थ भी देखा जा रहा है। इससे पहले प्रधानमंत्री के साथ जाने वाले जम्मू-कश्मीर के पत्रकारों को चीनी दूतावास ने अलग से कोई वीज़ा
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