
सान्या : चीन के सान्या शहर में गुरुवार को ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका यानी ब्रिक्स देशों के तीसरे शिखर सम्मेलन की विधिवत शुरूआत हो गई। सम्मेलन में सदस्य देशों के नेताओं ने एक संयुक्त घोषणा पत्र जारी किया।
कूटनीतिक सूत्रों ने समाचार एजेंसी सिन्हुआ को बताया कि घोषणा पत्र में कहा गया है कि वैश्रि्वक अर्थव्यवस्था, अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय मसलों और विकास से जुडे़ पक्षों पर ब्रिक्स देशों में सहमति बनी।
इस शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता चीन के राष्ट्रपति हू जिन्ताओ ने की और इसमें ब्राजील की राष्ट्रपति डिल्मा रोसेफ, रूस के राष्ट्रपति दमित्री मेदवेदेव, भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकब जुमा ने हिस्सा लिया।
दुनिया के पांच उभरती अर्थव्यवस्था वाले देशों ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के संगठन यानी ब्रिक्स के शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहे चीन के राष्ट्रपति हू जिंताओ ने अंतरराष्ट्रीय मौद्रिक और वित्तीय तंत्र में सुधार का आह्वान किया है।
सम्मेलन में हू ने कहा कि वैश्विक आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए हमें न्यायोचित, समेकित और बेहतर प्रबंधन युक्त अंतरराष्ट्रीय मौद्रिक और वित्तीय तंत्र स्थापित करना चाहिए। इसके लिए इन तंत्रों में उभरते बाजारों ओर विकासशील देशों के प्रतिनिधित्व को बढ़ाने की जरूरत है।
हू ने कहा कि हमें एक सामान और न्यायोचित अंतरराष्ट्रीय मुक्त व्यापार तंत्र को बढ़ाते हुए सभी तरह के संरक्षणवाद का विरोध करना चाहिए। हमें बहुपक्षीय व्यापार को मजबूती प्रदान करते हुए दोहा दौर की वार्ता के लक्ष्यों को जल्द से जल्द हासिल करना चाहिए।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक हू ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संकट ने वैश्विक आर्थिक असंतुलन को लेकर एक बार फिर से सोचने पर मजबूर किया है। उन्होंने कहा कि अंत में कहा जा सकता है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में सबसे बड़ा असंतुलन उत्तर और दक्षिण के बीच विकास का असंतुलन है। दुनिया की अर्थव्यवस्था के लिए सबसे बड़ी समस्या विकासशील देशों का अपर्याप्त विकास है।
उन्होंने नेताओं से विकासशील देशों के विकास के लिए अपनी प्रतिबद्धता को मजबूत करने का आह्वान करते हुए कहा कि इससे वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुधार और उसका विकास होगा।
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