
बिहार: क्या आपने कभी 8 साल के टीचर को देखा है। शायद आपको सुनने में अजीब लगे लेकिन यह बिल्कुल सच है। कक्षा तीन में पढ़ने वाला 8 साल का नन्हा आफ़ताब एक निजी संस्थान में शिक्षक है, और अपने से दुगुनी-तिगुनी अधिक उम्र के लोगों को कंप्यूटर सिखाता है। जब वह कक्षा लेने क्लास के अन्दर दाखिल होता है लोग चौंक जाते हैं। नए छात्रों को तो यकीन ही नहीं होता कि यह बच्चा उन्हें पढ़ाने आया है। लेकिन जब चंद मिनटों में ही आफताब एमएस वर्ड, एमएस एक्सल, एमएस पावर प्वाइंट, डाटा इंट्री, करेक्टर मैंप, वीडियो इंप्रेशन, विंडो मिडिल प्लेयर, पेज मेकर, फोटो शॉप और फोटो इंप्रेशन की बात करना शुरू कर देता है अब उनका भ्रम टूट जाता है।
एक टेलर मास्टर मो. आशिक का पुत्र आफ़ताब अपने सात भाई-बहनों में सबसे छोटा है। उसके पिता का कहना हैं कि जब वह छह साल का था, तभी उसे कम्प्यूटर सीखने की चाहत हुई थी। इसके बाद उसके पिता ने मेन रोड स्थित काम्पैक्ट कम्प्यूटर एजुकेशन प्वाइंट में उसका रजिस्ट्रेशन करा दिया। जब संस्थान के निदेशक ने उससे कुछ सवाल-जवाब किये तो आफ़ताब की इस छोटी उम्र में इतनी प्रतिभा देख वो भी हैरत में पड़ गए और उन्होंने उसे मुफ्त शिक्षा देने का फैसला किया। अभी कुछ ही माह बीते थे कि उसने कम्प्यूटर में निपुणता हांसिल कर ली। अब वह इतना कुछ सीख गया कि संस्थान में ही पढ़ाने लगा। वह पिछले एक साल से वह संस्था में छात्रों को कम्प्यूटर का प्रशिक्षण दे रहा है।
इतनी कम उम्र में एडिशनल डिप्लोमा इन कंप्यूटर एप्लीकेशन की डिग्री लेने वाले आफताब का सपना आईएएस बनने का है। हालांकि, इसके बारे में उसे ज़्यादा जानकारी नहीं है लेकिन उसका कहना है कि वह डीएम बनेगा। वहीं सेंटर के निदेशक का कहना है कि उन्होंने अपने जीवन में ऐसी प्रतिभा अब तक नहीं देखी। एडिशनल डिप्लोमा इन कंप्यूटर एप्लीकेशन सिर्फ इंटर पास छात्रों को दिया जाता है। इतना ही नहीं आफ़ताब से पढ़ने वाले छात्र भी कहते हैं कि वह काफी सरल और सहज भाषा का उपयोग करता है। उससे पढ़ने में किसी कोई कोई दिक्कत नहीं आती। सभी बातें आसानी से समझ में आ जाती हैं।
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