
इन दिनों, भारत के कई प्रदेशों में नक्सलवाद घोर चिंता का विषय बनता जा रहा है। हमारे देश की अन्द्रूनी समस्याओं में नक्सलवाद एक अहम मुद्दा बनता जा रहा है। ताज़ा घटना में नक्सलियों ने उड़ीसा के एक प्रशासनिक अधिकारी को अग़वा कर सरकार को खुली चुनौती दे डाली है। उड़ीसा का मल्कानगिरी जिला माओवाद से प्रभावित है। माओवादियों ने इस ज़िले के कलक्टर का अपहरण कर लिया है। ये नक्सली केंद्रीय बलों को हटाए जाने और जेल में बंद अपने साथियों की रिहाई की मांग कर रहे हैं।
पुलिस अधीक्षक अनिरूद्ध सिंह के मुताबिक़ मल्कानागिरी के कलेक्टर आरवी कृष्ण बुधवार शाम दूरदराज के चित्रकोंडा क्षेत्र के दौरे पर गए थे। उसी समय वो लापता हो गए, उनके साथ गया एक जूनियर इंजीनियर भी लापता हैं।
यह इलाका मल्कानागिरी से लगभग 85 किलोमीटर दूर है और इसे माओवादियों का गढ़ माना जाता है। चित्रकोंडा के तहसीलदार डी गोपाल कृष्ण ने बताया कि आंध्र प्रदेश की सीमा से लगते बड़ापाड़ा में आयोजित शिविर से लापता होने के बाद 30 वर्षीय आईएएस अधिकारी के बारे में अब तक कुछ पता नहीं चल पाया है। वह मोटरसाइकिल से दो जूनियर इंजीनियरों और एक अन्य व्यक्ति के साथ एक पुल के निरीक्षण के लिये गए थे।
उन्होंने कहा कि कलेक्टर और एक जूनियर इंजीनियर का कुछ पता नहीं चला है, जबकि दो अन्य व्यक्ति संदिग्ध नक्सलियों द्वारा लिखे गए एक पत्र के साथ बुधवार देर रात बडापाडा पहुंच गए। उन्होंने यह पत्र वरिष्ठ अधिकारियों को सौंप दिया।
दूसरी ओर दिल्ली में गृह सचिव जीके पिल्लै ने कहा कि उनका माओवादियों ने अपहरण कर लिया और इंजीनियर को अपनी मांगों वाली एक चिट के साथ वापस भेज दिया। राज्य सरकार और अन्य अधिकारी इस पर काम कर रहे हैं।
अपहरण की कड़ी निन्दा करते हुए पिल्लै ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि उन्हें रिहा कराने के लिए कोई अभियान चलाए जाने की जरूरत है। मुझे भरोसा है कि उन्हें प्राप्त स्थानीय समर्थन और राज्य सरकार बातचीत करके उनको रिहा करा लेगी। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि इसमें कुछ समय लगेगा क्योंकि क्षेत्र पूरी तरह कटा हुआ है लेकिन प्रयास जारी है। मुझे लगता है कि इसमें कुछ दिन लगेंगे, लेकिन मुझे पूरा भरोसा है कि कलक्टर वापस आएंगे।
सिंह ने कहा कि कलक्टर को संदिग्ध नक्सलियों द्वारा बंधक बनाकर रखे जाने का संदेह है, लेकिन उनकी सही स्थिति के बारे में पता लगाने की कोशिश की जा रही है। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि पत्र में जिले से केंद्रीय बलों को हटाने, नक्सल विरोधी अभियान रोकने और जेलों में बंद सभी माओवादियों को रिहा करने की मांग की गई है। माओवादियों ने 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया है। उन्होंने कहा कि हम पत्र की जांच और स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं। उनका पता लगाए जाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
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