
जोधपुर : देश के मौजूदा हालात को देखते हुए आर्ट ऑफ लिविंग के प्रणोता श्रीश्री रविशंकर ने अपील की है कि समाज को भी देश के लिए आगे आना होगा और अपनी धारणा बदलनी होगी। रविशंकर का मानना है कि देश को अब राजनेताओं के भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता। जोधपुर पहुंचे रविशंकर ने पत्रकारों से चर्चा में कहा, ‘मेरी राजनीति में आने की कोई मंशा नहीं है लेकिन समाज के किसी भी क्षेत्र में अन्याय हो रहा हो तो चुप भी नहीं बैठ सकता।’
रविशंकर ने कहा कि अब देशवासियों को यह धारणा बदलनी होगी कि भ्रष्टाचार के बिना हमारा काम चल ही नहीं सकता। रविशंकर देश में घूम-घूमकर लोगों को रिश्वत नहीं देने और नहीं लेने का संकल्प दिलवा रहे हैं। उन्होंने बेटियों को बचाने, भ्रष्टाचार-दुराचार-अनाचार हटाने और हिंसा विहीन समाज के लिए मुहिम छेड़ रखी है।
उन्होंने बताया कि तमिलनाडु में 30 जनवरी को हुए एक कार्यक्रम में लाखों लोगों ने ऐसा ही संकल्प लिया है। उन्होंने कहा, ‘अब जनता से आवाज उठ रही है कि भ्रष्टाचार खत्म हो।’ उनका कहना था, ‘लोग मुझे गुरु कहते हैं लेकिन मैं खुद को अभी बच्चा मानता हूं।’
साथ ही, रविशंकर ने संपति की घोषणा मुहिम का स्वागत करते हुए कहा कि देश-विदेश में फैले उनके 12 ट्रस्टों में करीब 800 करोड़ रुपए की संपति है और पूरी तरह ऑडिट की हुई है। उनके ट्रस्ट में 15 फीसदी से भी कम पैसा डोनेशन से आता है। बाकी पैसा आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन के कोर्सेज की फीस से जुटाया जाता है।
ये बात उल्लेखनीय है कि राजनेताओं के कारण भ्रष्टाचार के समुंद्र में डूबते जा रहे देश को बाहर निकालने का ज़िम्मा अब गुरूओं और बाबाओं ने उठाया है। अब देखना होगा कि भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ चलाई जा रही ये मुहिम कितनी कारगर साबित होती है और हमारे देश की स्थिति में कितना सुधार आता है।
No comments:
Post a Comment