
नई दिल्ली : स्वामी रामदेव ने आज दिल्ली के रामलीला मैदान में एक बड़ी रैली को संबोधित करते हुए स्वाभिमान यात्रा को लेकर मच रहे बवाल के बीच अपनी सफ़ाई पेश की। बाबा ने कहा कि भ्रष्टाचार और काले धन के खिलाफ छेड़ा गया उनका अभियान किसी व्यक्ति या पार्टी विशेष के खिलाफ नहीं है बल्कि यह देश के गद्दारों के खिलाफ है। बाबा की रैली में स्वामी अग्निवेश, सुब्रमण्यम स्वामी, अरविंद केजरीवाल सहित कई व्यक्तियों ने हिस्सा लिया। रैली में अलग-अलग धर्मों के धर्मगुरु भी शामिल थे।
बाबा रामदेव ने कहा कि यह आंदोलन उनके खिलाफ है, जिन्होंने देश को लूटा और विदेशी बैंकों में धन जमा किया। बाबा ने कहा कि जब केंद्र सरकार ने इसके ख़िलाफ़ कोई सख्त कानून नहीं बनाया है तो इन परिस्थितियों के लिए केंद्र सरकार निश्चित ही जिम्मेदार है। उन्होंने बिना दिग्विजय सिंह का नाम लिए कहा कि एक राजा ने उनके खिलाफ बोला, लेकिन प्रजातंत्र में न कोई राजा बड़ा है और न रानी, सबसे बड़ी जनता की ताकत है, जो इस समय भ्रष्टाचार के खिलाफ खड़ी है। उन्होंने कहा कि यदि केंद्र सरकार नहीं सुधरी तो जल्दी ही दिल्ली में एक करोड़ लोग हल्ला बोलेंगे। उन्होंने याद दिलाया कि आज महर्षि दयानंद का जन्मदिवस और क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद का बलिदान दिवस है। उन्होंने कहा कि इन महापुरुषों ने भी अन्याय के खिलाफ संघर्ष किया था।
इस रैली का आयोजन, भारत स्वाभिमान आंदोलन के बैनर तले हुआ। रैली में बोलते हुए स्वामी अग्निवेश ने कहा कि 5 अप्रैल को जब समाज सेवी अन्ना हजारे काले धन के खिलाफ आंदोलन करेंगे तो करीब 1 करोड़ लोग उनके समर्थन में जुटेंगे। अग्निवेश ने कहा कि यदि भारत में भ्रष्टाचार इसी तरह बढ़ता रहा तो ट्यूनिशिया, मिस्र और दूसरे अरब देशों की तरह भारत में भी विद्रोह हो सकता है। उन्होंने प्रधानमंत्री को चेतावनी दी कि भ्रष्टाचार के खिलाफ देश की जनता एकजुट हो रही है और अब समय आ गया है कि जब इसे रोकने के लिए कड़े कानून बनाने की जरुरत है।
जनता पार्टी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि आज देश को बाबा रामदेव का नेतृत्व मिल गया है और देश फिर एक बार सोने की चिड़िया के रूप में स्थापित होगा।
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