
नई दिल्ली : 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले के आरोपों से घिरे पूर्व केंद्रीय संचार मंत्री ’ए राजा’ ने सीबीआई द्वारा गिरफ़्तार किये जाने के बाद अब अपनी पार्टी ’डीएमके’ में प्राप्त पद से इस्तीफ़ा दे दिया है। ए राजा को ’डीएमके’ पार्टी के ’प्रोपगैंडा सेक्रेट्री’ का पद मिला हुआ था। 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले के बाद प्रधानमंत्री द्वारा ’ए राजा’ से कैबिनेट मंत्री के पद से इस्तीफ़ा ले लिया गया था।
पद छोड़ने के करीब ढाई महीने बाद राजा को सीबीआई ने गिरफ्तार किया है। इस बीच, डीएमके ने राजा का बचाव करते हुए कहा है कि पूर्व संचार मंत्री की गिरफ्तारी का मतलब यह नहीं कि वो दोषी हैं। पार्टी ने राजा के इस्तीफे को मंजूर करने से भी इनकार कर दिया है।
चेन्नई में हुई पार्टी की जनरल काउंसिल की अहम बैठक में मुख्यमंत्री एम करुणानिधि, उनके बेटे एम के अलागिरी, बेटी कनिमोझी समेत कई नेताओं ने पार्टी द्वारा राजा को पूरा समर्थन देने का फैसला किया गया। साथ ही, डीएमके ने विपक्षी दलों पर आरोप लगाते हुए कहा कि 2जी घोटाले पर बेवजह हो हल्ला मचाया जा रहा है।
हालांकि ऐसा माना जा रहा था कि कुछ महीनों बाद होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर डीएमके की इस बैठक में राजा को पार्टी से निकाले जाने का फैसला लिया जा सकता है, लेकिन इसके विपरीत, पार्टी राजा के पक्ष में डटकर खड़ी है। राजा की गिरफ्तारी के बाद भी कांग्रेस और डीएमके की ओर से गठबंधन पर असर नहीं पड़ने की बात कही जा रही है।
ग़ौरतलब है कि राजा की कोर्ट में पेशी के दौरान सीबीआई इस मामले में आगे पूछताछ के लिए हिरासत में लेने की अर्जी दे सकती है। राजा की गिरफ्तारी के बाद 2 जी स्पेक्ट्रम घोटाले में फायदा उठाने वाली दूरसंचार कंपनियों पर भी सीबीआई की गाज गिर सकती है।
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