
मौजूदा समय में भारत में बहस के अहम मुद्दों में से एक ’काला धन’ मामले में जूझ रही भारत सरकार को एक महत्वपूर्ण सफ़लता प्राप्त हुई है। सरकार द्वारा विदेशी बैंकों में जमा भारतीयों के अरबों रुपए के काले धन की जानकारी के लिये चलाए जा रहे अभियान में कुछ खातेदारों के नामों का खुलासा होने के साथ ही इस मामले में अब महत्वपूर्ण मोड़ आ गया है।
समाचार पत्रिका 'तहलका' और कुछ टीवी चैनलों ने द्वारा कुछ नामों का ख़ुलासा किया गया है जिनमें आईपीएल कोच्चि टीम से जुड़े कुछ मशहूर हीरा व्यवसायी और कुछ नाम दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और गुजरात के व्यवसायियों के हैं।
जिन नामों का खुलासा किया गया है, उनके खाते स्विट्जरलैंड की सीमा से लगे देश लिक्टेनश्टाइनके एलजीटी ग्रुप के बैंक में हैं। भारत सरकार द्वारा, ये नाम हैं जर्मनी से हासिल किये गए हैं और अब इन नामों की सूची सुप्रीम कोर्ट को सौंपी गई है।
तहलका के अनुसार उसके पास कुल 18 नामों की सूची है, लेकिन अभी उसने सिर्फ 15 नामों को सार्वजनिक किया है जिनमें तीन ट्रस्ट भी शामिल हैं। तहलका ने दावा के साथ कहा है कि इस सूची में एक नाम एक प्रमुख भारतीय निगम के अध्यक्ष का भी है, लेकिन उसे सार्वजनिक नहीं किया गया है। तहलका ने जिन भारतीयों के काले धन जमा होने का खुलासा किया है उनमें हीरा कंपनी 'रोज ब्लू' के निदेशक अरुण मेहता, दिलीप मेहता के नाम शामिल हैं।
हेडलाइंस टुडे के मुताबिक आईपीएल कोच्चि के मालिकों में एक हर्षद मेहता का नाम भी है। अन्य नामों में अशोक जयपुरिया, मनोज धुपेलिया, रूपल धुपेलिया, मोहन धुपेलिया, हँसमुख गाँधी, चिंतन गाँधी, गुणवंती मेहता, रजनीकांत मेहता, प्रबोध मेहता, राज फाउंडेशन, उर्वशी फाउंडेशन और अंब्रूनोवा ट्रस्ट शामिल हैं। इसके अलावा टीवी चैनल आईबीएन 7 ने ईश्वरलाल गाँधी, मधु गाँधी, मिराव गाँधी के नाम भी दिए हैं।
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