
पटना : इस बात में कोई शक़ नहीं कि नीतिश कुमार ने बिहार की तस्वीर बदल कर रख दी है। तरक्क़ी के मामले में पिछडे प्रदेशों में गिना जाने वाला बिहार आज विकास की राह पर गामज़न है। नीतिश कुमार के नेत्रत्व वाली सरकार में प्रदेश की जनता की सहुलत के लिये कई योजनाएं लागू कर दी गई हैं। साथ ही कई योजनाओं को अमली जामा पहनाने का काम तेज़ी से चल रहा है।
अब इस योजना के साथ, बिहार देश में ऐसा पहला राज्य होगा जहां शून्य से 14 वर्ष तक की उम्र के सभी बच्चों का इलाज सरकार अपने खर्च से करवाएगी। बच्चों का इलाज राज्य के प्राथमिक स्वास्थ्य उपकेन्द्रों से लेकर दिल्ली के एम्स अस्पताल सहित देश के बड़े संस्थानों तक कराया जाएगा।
सरकार के मुताबिक राज्य में शून्य से लेकर 14 वर्ष की आयु वर्ग में करीब 3.4 करोड़ बच्चे हैं। एक अनुमान के मुताबिक इनमें से छह से 14 वर्ष उम्र के अधिकांश बच्चे विद्यालयों में हैं। ‘नई पीढ़ी स्वास्थ्य गारंटी योजना’ के नाम से शुरू होने जा रहे इस कार्यक्रम के तहत राज्य के सभी बच्चों को एक हेल्थ कार्ड दिया जाएगा, जिसके तहत वे अपना मुफ्त इलाज करा सकेंगे।
22 मार्च को ‘बिहार दिवस’ के मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस योजना का शुभारम्भ करेंगे। यह योजना राज्य के सभी 11,000 स्वास्थ्य केंद्रों तथा स्वास्थ्य उपकेंद्रों के साथ-साथ राज्य के करीब 70,000 प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों में शुरू होगी।
राज्य के स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव अमरजीत सिन्हा ने जानकारी दी कि वर्तमान में यह योजना अगले पांच वर्ष तक के लिए बनाई गई है, जिसमें प्रत्येक वर्ष चार महीने तक बच्चों के बीच हेल्थ कार्ड बांटा जाएगा। स्वास्थ्य केंद्रों सहित विद्यालयों तथा गांवों में कैम्प लगाकर चरणबद्ध तरीके से बच्चों के स्वास्थ्य की जांच की जाएगी। हेल्थ कार्ड में बच्चों के स्वास्थ्य से सम्बंधित सभी रिकॉर्ड अंकित होंगे। बच्चों की ऊंचाई, वजन, आंख, नाक, गला, चर्म रोग, कटे हुए होंठ, दिल की स्थिति सहित सभी विवरण इस हेल्थ कार्ड में दर्ज होंगे।
सिन्हा के मुताबिक़, इस योजना में प्रतिवर्ष 125 करोड़ रुपये खर्च होने की सम्भावाना है। योजना में राज्य के सरकारी शिक्षकों का भी सहयोग लिया जाएगा। हेल्थ कार्ड की एक प्रति सम्बंधित विद्यालयों को दी जाएगी, जिन्हें प्रतिवर्ष अपडेट किया जाएगा।
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