
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने ईसाई मिशनरी ग्राहम स्टेन्स हत्याकांड मामले में मुख्य आरोपी दारा सिंह की उम्रकैद की सज़ा बरकरार रखी है। सीबीआई की अर्जी खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आस्ट्रेलियाई मिशनरी ग्राहम स्टेंस और उनके दो नाबालिग बेटों को जिंदा जलाने के दोषी दारा सिंह को मौत की सजा ना देकर उम्रकैद ही सुनाई है। गौरतलब है कि सीबीआई ने दारा सिंह के लिए फांसी की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट ने उड़ीसा उच्च न्यायालय द्वारा सुनायी गयी उम्र कैद की सजा को बरकरार रखा है।
न्यायाधीश पी सदाशिवम और न्यायाधीश बी एस चौहान की पीठ ने मौत की सजा दिए जाने की सीबीआई की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि मौत की सजा केवल ‘दुर्लभतम मामलों’ में ही दी जाती है, अदालत ने कहा कि मौजूदा मामले में दोषियों ने जिस अपराध को अंजाम दिया है, वह बेहद निंदनीय है लेकिन दुर्लभतम की श्रेणी में नहीं आता जिसके लिए मौत की सजा दी जाए।
गौरतलब है कि आस्ट्रेलियाई मिशनरी ग्राहम स्टेन्स और उसके दो बेटों की उड़ीसा के क्योंझर जिले में जनवरी 1999 में उनकी गाड़ी में ही ज़िंदा जला दिया गया था। न्यायमूर्ति पी सदाशिवम और न्यायमूर्ति बीएस चौहान की पीठ ने 15 दिसंबर 2010 को सीबीआई के वकील और अतिरिक्त सॉलीसीटर जनरल विवेक तंखा दोषियों के वकील की दलीलों को सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रखा था।
जिसमें सीबीआई ने कहा था कि दारा सिंह मौत की सजा का हकदार है, क्योंकि हत्याएं बेहद नृशंस तरीके से की गई थीं, उन्होंने कहा कि ये साधारण नहीं बल्कि एक कायरतापूर्ण साजिश थी जिसमें तीन निर्दोष और लाचार उन्हें ज़िंदा जला दिया गया था। इसलिये आरोपी को फ़ांसी की सज़ा मिलनी चाहिये।
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