
बीजेपी की युवा शाखा, भारतीय जनता युवा मोर्चा द्वारा प्रारंभ की गई राष्ट्रीय एकता यात्रा (तिरंगा यात्रा) जारी है और यात्रा का समापन 26 जनवरी को लाल चौक में झंडा फहराने के साथ किया जाना है। जम्मू-कश्मीर सरकार ने केंद्र सरकार की मदद लेकर, हर हाल में यात्रा को पहले ही रोकने के लिए कमर कस ली है। इसे देखते हुए भाजपा के आला नेता भी आगे आ गए हैं और आलाकमान द्वारा जम्मू पहुंचने की योजना पर विचार किया जा रहा है।
तिरंगा यात्रा आज, पंजाब के पठानकोट पहुंच रही है। पठानकोट बीजेपी के आलाकमान ने अब इस यात्रा का मोर्चा संभालने का निर्णय लिया है। सोमवार को बीजपी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली समेत पार्टी के कई नेताओं की दिल्ली से जम्मू पहुंचने की संभावना हैं। उधर, यात्रा के मद्देनजर जम्मू-कश्मीर में कानून व्यवस्था की हालत को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सोमवार को विपक्षी पार्टी पीडीपी की नेता महबूबा मुफ्ती के साथ केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम से मुलाकात की। इससे पहले अब्दुल्ला ने राज्य में अपने सहयोगियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक कर यात्रा को रोकने की नीति पर चर्चा की।
पड़ोसी राज्य से लगती राज्य की सभी सीमाएं सील कर दिया गया है, ताकि कोई भी प्रदर्शनकारी गुप्त रास्तों से राज्य में घुसपैठ ना कर सके। वैसे तो, भाजपा युवा मोर्चा की एकता यात्र 25 जनवरी तक रियासत में प्रवेश करेगी लेकिन काफी संख्या में युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं के आज यहां पहुंचने की उम्मीद की जा रही है। जम्मू संभाग के चार जिलों कठुआ, सांबा, जम्मू व ऊधमपुर में इस समय काफी हलचल है और असमंजस की स्थिति बनी हुई है। हालांकि, यात्रा को लखनपुर में रोके जाने की पूरी उम्मीद है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने इस यात्रा पर अपनी सफ़ाई दी और कहा कि भाजपा युवा मोर्चा राजनीतिक लाभ उठाने के बजाय अलगाववादियों की चुनौती से निपटने के लिए यह कोशिश कर रहा है। सरकार अलगाववादियों के सामने समर्पण कर बैठी है। आडवाणी ने कार्यकर्ताओं के खिलाफ जम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों की भी कडे शब्दों में आलोचना की।
इससे पहले, प्रधानमंत्री ने भाजपा का नाम लिए बगैर कहा था कि गणतंत्र दिवस जैसे मौके पर पार्टियों को विभाजनकारी एजेंडे को बढ़ावा नहीं देना चाहिए। उन्हें राजनीतिक फायदा उठाने से बचना चाहिए।
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