
कर्नाटक में विपक्षी पार्टियों द्वारा ’भ्रष्ट’ क़रार दिये गये ’मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा’ के खिलाफ राज्यपाल एचआर भारद्वाज द्वारा कथित भूमि घोटाले में मुकदमा चलाने की मंजूरी दिए जाने के बाद, मुख्यमंत्री के समर्थकों ने राज्य में हिंसक प्रदर्शन शुरू कर दिये। सुरक्षा के मद्देनज़र, राजधानी बेंगलुरु में रविवार तक के लिए धारा 144 लगा दी गई है।
राज्यपाल के इस फैसले से भड़के भाजपा समर्थकों ने शनिवार को राज्य बंद का आह्वान किया। बंद समर्थक, सुबह से ही रोड पर आ गए और दुकाने बंद करवाना शुरू कर दिया। जिनमें से कुछ कार्यकर्ताओं ने उग्र प्रदर्शन करना शुरू कर दिया और इस दौरान कर्नाटक में 31 बसों को आग लगा दी गई। राज्य में स्कूल-कॉलेजों की छुट्टी कर दी गई है। सरकार ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम करते हुए सुरक्षाबलों की 30 कंपनियाँ तैनात कर दी है।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में स्थापित वकीलों के एक मंच ने राज्यपाल को एक आवेदन देकर मुख्यमंत्री और गृहमंत्री के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी देने का आग्रह किया था। राज्यपाल ने वकीलों के आवेदन पर ग़ौर करने के बाद अपना फ़ैसला सुनाया जिसमें उनहोंने मुख्यमंत्री ’येदियुरप्पा’ और गृहमंत्री ’आर अशोक’ के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है।
हालांकि, राज्य कैबिनेट ने एक प्रस्ताव पारित कर राज्यपाल से वकीलों के इस आवेदन पर विचार नहीं करने की अपील की थी। लेकिन भारद्वाज ने शुक्रवार को कैबिनेट के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया।
इधर, नई दिल्ली में भाजपा नेता एम वेंकैया नायडू ने राज्यपाल पर आरोप लगाते हुए कहा कि कर्नाटक के राज्यपाल ‘कांग्रेस एजेंट’ के रूप में काम कर रहे हैं और वेंकैया ने राज्यपाल को हटाने की माँग की। उधर पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा ने राज्यपाल का समर्थन करते हुए कहा कि उन्हें कर्नाटक सरकार को बर्खास्त कर देना चाहिए।
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