Saturday, January 22, 2011

समलैंगिकता शरीयत व मानवता के खिलाफ:अहमदीनेजाद


ईरान के राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद ने समलैंगिकता को मानवता के विरुद्ध करार देते हुए कहा कि हमारा देश, मनुष्य को अप्राकृतिक कामुकता के दलदल में फँसने से बचाना चाहता है। उनहोंने कहा कि मनुष्य को प्रक्रति के नियम के ख़िलाफ़ चलने का कोई अधिकार नहीं है।

उन्होंने इस बात से भी आगाह किया कि ईरान में ’समलैंगिकता’ शरीयत कानून के तहत दंडनीय अपराध है जिसमें मृत्युदंड का भी प्रावधान हैं। ईरान में सफल परिवार नियोजन की नीति को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि ईरानी इस्लामी विकास मॉडल के बल पर दुनिया को जीता जा सकता है। उनका मानना है कि अगर हम दो बच्चों की नीति पर चलेंगे तो ईरान का भी वही हाल होगा जो आज पश्चिमी देशों का हो रहा है।

अहमदीनेजाद ने पश्चिमी देशों पर निशाना साधते हुए कहा कि वहाँ के लोग कामुकता में अंधे हो चुके हैं लेकिन हम नहीं चाहते कि हमारे देश के लोग कामुकता के चक्कर में इतने अंधे हो जाएं कि शरीयत को और मानवता को ही भूल जाएं और प्रक्रति के ख़िलाफ़ ही चल पडें। हमारी सरकार, मुल्क़ में समलैंगिकता नाम के ’वायरस’ को पनपने नहीं देगी और हम अपने मुल्क़ के लोगों को ’नरक’ में नहीं ’स्वर्ग’ में देखना चाहते हैं।

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