
मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने पहली बार फ़िक्सिंग के काले खेल पर अपनी राय ज़ाहिर की है। सचिन ने डरबन में एक न्यूज़ चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा है कि साल 1999-2000 मे हुए फ़िक्सिंग के खुलासे से उनका भी अपने खेल से ध्यान भटक गया था और उसी साल कंगारुओं की धरती पर टेस्ट मैचों में मिली हार भी इसी की वजह थी। क्योंकि फ़िक्सिंग की ख़बरों के बीच वे अपने खेल पर ध्यान नहीं दे पाते थे।
ग़ौरतलब है कि इस दौरे पर भारत को ऑस्ट्रेलिया के को हाथों टेस्ट मैचों में 0-3 की क़रारी हार मिली थी। इतना ही नहीं क्रिकेट फ़ैंस द्वारा भी खिलाड़ियों को शक की नज़र से देखा जाने लगा था। जिसकी वजह से सचिन ख़ासे आहत रहे। साथ ही सचिन ने यह भी साफ़ किया है कि 21 साल के लंबे करियर में उन्हे कभी किसी सट्टेबाज़ ने संपर्क करने की कोशिश नहीं की है।
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