उत्तर प्रदेश में दलितों, गरीबों और पिछड़ों का दम भरने वाली मायावती सरकार ने बाढ़ पीड़ितों के साथ ऐसा मज़ाक किया है जिसे सुनकर आप भी चौंक जायेंगे। बाढ़ राहत राशी के नाम पर यूपी सरकार ने मात्र 1500 रुपये की राशी दी है।
मुज़फ्फरनगर के पुरकाज़ी कस्बे में बाढ़ की वजह से घर गंवा चुके लोगों को मुआवज़े के तौर पर 1500-1500 रुपये के चेक बांटे गए हैं। मुख्यमंत्री मायावती के मुज़फ्फरनगर को बाढ़ प्रभावित घोषित करने के बाद यहां के लोगों में राहत की एक उम्मीद बंधी थी, लेकिन वह उम्मीद उस वक्त टूट गई जब बाढ़ पीड़ितों को कायदे-कानूनों की दुहाई दे कर 1500 रुपये उनके हाथ मे थमा दिये गये। पीड़ितों का कहना है कि 1500 रुपये में लोग टैंट भी नहीं खरीद सकते, मकानों की मरम्मत तो दूर की बात है। उन्होने कहा कि सरकार के खज़ाने सिर्फ पार्क बनवाने के लिए खुलते हैं और जहां बात आम आदमी की होती है। उनके हाथों में भीख थमाई जा रही है। बाढ़ से जूझ रहे लोगों को सिर्फ दावों से गुज़ारा करना पड़ रहा है। पीड़ितों का कहना है कि यूपी सरकार बाढ़ का दर्द झेल रहे लोगों के साथ ऐसा मज़ाक क्यों कर रही है। जब यूपी के प्रमुख सचिव बिजनौर के बाढ़ पीड़ितों के बीच गए, तो उनसे भी यहां के ख़स्ता इंतज़ामों का हाल देखा नहीं गया। प्रमुख सचिव ने स्थानीय प्रशासन की जमकर खिंचाई की और मुख्य सचिव को बाढ़ पीड़ितों का गुस्सा भी झेलना पड़ा।
देख तेरे इस देश कि हालत क्या हो गयी भगवान् ....
ReplyDeleteयहाँ भी आये और अपनी बात कहे :-
क्यों बाँट रहे है ये छोटे शब्द समाज को ...?