
बर्लिन। भारतीय मूल के बैंकर अंशु जैन को जर्मनी के सबसे बड़े बैंक डायश बैंक में निवेश बैंकिग का प्रमुख नियुक्त किए जाने को लेकर विवाद पैदा हो गया है। यह इस बैंक का दूसरा सबसे महत्वपूर्ण पद है। जैन के पास जर्मन भाषा का सीमित ज्ञान होने के कारण यह विवाद पैदा हुआ है।
समाचार एजेंसी डीपीए के अनुसार, जैन की नियुक्ति से ऐसी अटकलें तेज हो गई है कि वह मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) जोसफ एकरमैन (62) की जिम्मेदारी संभालेंगे। हालांकि बैंक ने ऐसी किसी भी संभावना से इंकार किया है। एकरमैन का अनुबंध 2013 तक है ।
बहस के केंद्र में एक प्रमुख मुद्दा यह है कि जैन को जर्मन भाषा का सीमित ज्ञान है इसके बावजूद उन्हें यह पद दिया गया है। इसे लेकर वहां के विपक्ष ने आंदोलन शुरू कर दिया है। जैन (47) ने अपने करियर का अधिकतर समय अमेरिका और लंदन में बिताया है।
जैन जिस विभाग का संचालन करेंगे उसका वर्ष 2009 में बैंक के कुल मुनाफे में 80 % हिस्सा था। जयपुर में जन्मे जैन लंदन में डायश बैंक के साथ 1995 में जुड़े। उन्होंने 2000 में वैश्विक बाजार विभाग का कार्यभार संभाला। अप्रैल 2009 में वह बैंक के बोर्ड में शामिल हुए।
हेन ने कहा कि इस विवाद का एक समाधान यह है कि संभवत: डायश बैंक का संचालन दोनों अधिकारी मिलकर करेंगे। इससे पहले भी 1967 से 1969 और 1976 से 1988 तक बैंक में दो प्रमुखों ने एक साथ काम किया था।
: न्यूज़लाइन एजेंसीज़

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