
जयपुर. आईसीआईसीआई के साथ विलय के विरोध में बैंक ऑफ राजस्थान के कर्मचारी 21 से 23 जून तक हड़ताल पर रहेंगे । साथ ही 21 जून को प्रदेश की राष्ट्रीयकृत बैंकों में हड़ताल भी रहेगी। यूनाइटेड फोरम बैंक ऑफ राजस्थान यूनियंस के पदाधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। इस हड़ताल से छह हजार करोड़ से अधिक का बैंकों में लेनदेन प्रभावित की उम्मीद है ।
विलय के विरोध में शनिवार को विभिन्न बैंक संगठनों ने बैंक ऑफ राजस्थान के ऑनर के खिलाफ आरोप पत्र मीडिया में जारी किया। साथ ही उसकी कॉपी वित्त मंत्रालय को भी भेज दी गई है । कर्मचारी नेता महेश मिश्रा, धर्मेद राव, लोकेश मिश्रा, गोपालदास गुप्ता और सुनील दत्त बाली ने बताया कि यह विलय सबसे बड़ा बैकिंग घोटाला है। विलय को रोकने के लिए सरकार और नियामक संस्थानों से गुहार लगाई जा रही है ।
नियमानुसार एक प्रवर्तक बैंक में 10 % से अधिक हिस्सेदारी नहीं रख सकता, जबकि बैंक ऑफ राजस्थान के ऑनर तायल परिवार ने बैंक ऑफ राजस्थान के 28.6 % शेयर एक दशक तक रखे, अघोषित रूप से 55 % तक शेयर तायल परिवार के पास थे, जबकि बैंक के निदेशक मंडल में रिजर्व बैंक के दो निदेशक नामित रहे थे।
तायल परिवार ने मुबंई में बंद पड़ी रघुवंशी मिल्स कंपाउंड में ऑफिस ट्रांसफर कराया। बैंक से करोड़ों रुपए अनधिकृत किराया वसूला। रिजर्व बैंक की एक जांच में रिपोर्ट में यह बिंदु सामने आ चुका है। रिजर्व बैंक ने बैंक ऑफ राजस्थान में गड़बड़िया पकड़ी। इस बीच 25 लाख रुपए का जुर्माना भी हुआ। बाकी अनियमितताओं की जांच अब तक जारी है |
: न्यूज़लाइन एजेंसीज़

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