अटारी बॉर्डरः लंबे समय से पाकिस्तान की जेलों में बंद ये भारतीय बयां कर रहे है अपने साथ हुए जुल्मों को। 17 में से एक ने कहा सज़ा खत्म होने के बाद भी उसे जानवरों की तरह कैद करके रखा गया और खाना पीना तो दूर की बात रूह फना कर देने वाली सजा भी उसे दी गई। कैदियों ने खुलासा किया कि पाक की कोट लखपत जेल में करीब 35 भारतीय कैदी मानसिक तौर पर विक्षिप्त हो चुके हैं। रिहा होने वाले अमृतसर के बिल्ला और राशिद मसीह का कहना है कि उन्हें 2007- 08 में सरकंडे की कटाई करते समय पाक रेंजर्स ने जबरन पकड़ लिया था। उन्हें कई जेलों में रख कर प्रताड़ित किया गया। पाक की जेल से रिहा होकर आए होशियारपुर के विजय कुमार ने बताया कि उसे तो फर्जी ट्रैवल एजेंट ने जेल भिजवा दिया। उसे लाखों कमाने का सपना दिखाकर 1992 में मस्कट भेजा गया था, जहां उसे गिरफ्तार कर लिया गया। यहां तरह-तरह के जुल्म उस पर किए गए।
पंजाब के अन्य कैदियों ने बताया कि वह लोग सरबजीतसिंह से भी मिले थे। सरबजीत ने अपने परिजनों के लिए संदेश भेजा है कि वह उसकी रिहाई के लिए पहल करें।
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