
कांग्रेस के मुखपत्र में स्वतंत्रता आंदोलन में शहीद होने वाले भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरू के लिए जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल किया गया है। शहीद दिवस के अवसर पर कांग्रेस के मुखपत्र "कांग्रेस संदेश" में छपे एक लेख में भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव जैसे शहीदों की जाति बताई गई है। इतना ही नहीं शहीद राजगुरू और सुखदेव को अंग्रेज़ अफ़सर सांडर्स का ह्त्यारोपी भी बताया गया है। इस मामले पर पूरे देश में तीखी प्रतिक्रिया सामने आ रही है।
कांग्रेस के मुखपत्र "कांग्रेस संदेश" में लिखा गया है कि भगत सिंह जाट परिवार में पैदा हुए, राजगुरु ब्राह्मण परिवार में पैदा हुए, जबकि शहीद राजगुरु को राजगुरु थापर लिखते हुए बताया गया कि वो सांन्डर्स की हत्या की वारदात में शामिल थे। इतना ही नहीं, सुखदेव के बारे में बताने के लिए "सांन्डर्स की हत्या की वारदात" में शामिल जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया गया है।
वहीं बीजेपी ने इस मामले पर कांग्रेस की खिंचाई की है। कांग्रेस के मुखपत्र संदेश के मार्च संस्करण में छपे लेख में बीजेपी ने इसे बड़ी चूक करार दिया है औऱ शहीदों के अपमान पर कांग्रेस से माफी मांगने को कहा है।
देश की आज़ादी के लिये अपनी जान न्यौछावर करने वाले शहीदों के परिवार वाले भी इस बात से काफ़ी आहत हैं। सहारनपुर में शहीद भगत सिंह के भतीजे किरणजीत सिंह ने इस काफ़ी दुखद बता कर इस मामले पर खेद प्रकट किया है। बहरहाल, इस मसले पर कांग्रेस एक बार फिर विपक्षी दलों के निशाने पर आ गई है।
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