
इस्लामाबाद : दो कथित पाकिस्तानी नागरिकों को मारने के इल्ज़ाम में अमेरिकी राजनयिक रेमंड डेविस को गिरफ़्तार करना पाकिस्तान सरकार केगाले की फांस बनता जा रहा है। अमेरिकी राजनयिक की गिरफ़्तारी पाकिस्तान के लिये वो हड्डी बन चुकी है जिसे निगलना भी बेहद ख़तरनाक है और उगलना भी| इधर अमेरिका द्वारा लगातार अपने राजनयिक की रिहाई के लियेपाकिस्तान पर दबाव बना रहा है तो दूसरी तरफ़ रेमंड की रिहाई के ख़िलाफ़ पूरेपाकिस्तान में आवाज़ें उठनी शुरू हो गई हैं। इस मामले में सरकार बुरी तरह से उलझ चुकी है। पाकिस्तान के एकअखबार के मुताबिक़ राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने विदेश मंत्रालय को साफ शब्दों में निस्देष दे दिया है किडेविस को वे सभी लाभ दिए जाएं, दो किसी राजनयिक को दिए जाते हैं। दूसरे अर्थों में सरकार अब उसे रिहा करनेकी तैयारी में है।
लेकिन वहीं, आतंकवादी और कट्टरपंथियों ने पूरे देश में डेविस की संभावित रिहाई के खिलाफ मुहिम छेड़ दी है।कुख्यात आतंकवादी और जमात-उद-दावा के प्रमुख हफीज मोहम्मद सईद ने कहा कि उपरवाले ने हमें किस्मत सेहमें यह मौका दिया है कि हम अमेरिका की गुलामी से मुक्ति पा लें। उन्होंने डेविस को छोड़ने पर पूरे देश में बगावतकरने की धमकी दी है।
ग़ौरतलब है कि डेविस ने 25 जनवरी को लाहौर के एक व्यावसायिक इलाके में दो युवाओं की गोली मारकर हत्याकर दी थी। इस घटना के बाद डेविस को 27 जनवरी को गिरफ्तार कर लिया गया था। हालांकि डेविस ने अपनेबचाव में कहा था कि वो दोनों युवक उसे लूटने की कोशिश कर रहे थे इसलिए यह हमला आत्मरक्षा में किया गयाथा। तीसरा पाकिस्तानी उस समय मारा गया, जब अमेरिकी दूतावास की कार डेविस की मदद के लिए तेजी से आरही थी। पुलिस ने डेविस के खिलाफ अवैध हथियार रखने का आरोप लगाया है। पाकिस्तान में अमेरिकी विरोधीभावनाएं काफी समय से व्याप्त हैं। रेमंड डेविस की गिरफ्तारी और उसके बाद अब अमेरिकी सरकार द्वारा बनाए जारहे दबाव से नाराज जनता अब सड़कों पर आ रही है।
पाकिस्तान के एक अखबार ने विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के हवाले से कहा है कि राष्ट्रपति ने यह भी कहा है किविदेश विभाग के अधिकारी तत्काल पिछली डेट में एक पत्र जारी करें, जिसमें रेमंड के पाकिस्तान में अमेरिकीदूतावास का सदस्य होने का जिक्र साफ तौर पर हो। लेकिन विदेश विभाग के प्रवक्ता अब्दुल बासित ने इस मुद्दे परकोई टिप्पणी नहीं की। राष्ट्रपति सचिवालय ने भी इसमें कोई बयान देने से इंकार कर दिया।
लेकिन यदि डेविस को रिहा किया गया तो पाकिस्तान नए संकट में फंस जाएगा। यहां आतंकवादियों ने साफतौरपर कहा है कि डेविस को रिहा किया गया तो इसके घातक परिणाम निकलेंगे। इसके अलावा पाकिस्तानी सरकारको अदालतों की नाराजगी भी सहन करनी होगी, जिसने स्पष्ट मत है कि डेविस को देश छोड़ने की इजाजत नहीं दीजा सकती। कोर्ट ने हाल ही में डेविस को 14 दिन की रिमांड पर भेज दिया है।
कट्टरपंथियों के आह्वान पर शुक्रवार को पूरे देश में विरोध दिवस मनाया गया। जमात-ए-इस्लामी के प्रमुख सईदमुनव्वर हसन ने डेविस को रिहा करने के मुद्दे पर पूरे देश में विरोध प्रदर्शन करने का एलान किया था। राजधानीइस्लामाबाद के अलावा करीब करीब सभी प्रदेशों और बड़े नगरों में डेविस की संभावित रिहाई को लेकर बड़े बड़ेप्रदर्शन किये गए। इनमें बड़ी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया। इन रैलियों को विभिन्न संगठनों के नेताओं नेसंबोधित किया।
जमात-उद-दावा के प्रमुख हफीज मोहम्मद सईद ने कहा कि पाकिस्तान के पास खुदा ने एक बेहतर मौका दिया हैजब वह अमेरिका से अपना पीछा छुड़ाए। संगठन के लाहौर स्थित मुख्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित करतेहुए सईद ने कहा कि अब सभी को एकजुट होकर अमेरिका का विरोध करना चाहिए। प्रतिबंधित संगठन लश्कर-ए-तैय्यबा के संस्थापक सईद ने पाकिस्तानी सरकार को खुली धमकी दी है कि डेविस को किसी भी हाल मेंअमेरिका को नहीं सौंपा जाना चाहिए और यदि ऐसा हुआ तो जनता बगावत पर उतर आएगी।
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