
जयपुर : राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल पर विवादास्पद टिप्पणी कर आलोचनाओं का शिकार हुए राजस्थान के वक्फ एवं पंचायतीराज राज्य मंत्री अमीन खां को आख़िरकार इस्तीफा देना पड़ा। मंत्री जी ने अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भेजा जिन्होंने इसे राज्यपाल को सौंप दिया। राज्यपाल ने अमीन खां का इस्तीफा मंजूर कर लिया है।
मंत्री जी ने मंगलवार को पाली जिले में हुई कांग्रेस समिति की एक बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा था कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की रसोई में खाना बनाने और चाय तैयार करने के लिए प्रतिभा पाटिल को राष्ट्रपति के पद से नवाजा गया। उन्होंने कहा था कि वर्ष 1977 में इंदिरा गांधी जब चुनाव हार गई थी तो पाटिल उनके रसोई में खाना बनाया करती थी और यहां तक कि उनके बर्तन भी साफ किया करती थी। बकौल खान, ‘अंतत: उन्हें देश के सर्वोच्च पद पर बिठाया गया। पूर्व प्रधानमंत्री के प्रति उनकी निष्ठा का सम्मान किया गया।’
अमीन खां के इस बयान की चौतरफा निंदा की गई, जिससे बौखलाकर उन्होंने इस बारे में मीडिया के समक्ष अपनी सफाई पेश की। उन्होंने कहा, ‘मेरी बातों को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया। मेरे कहने का अर्थ था कि पाटिल एक सामान्य कार्यकर्ता थी और चूंकि वह निष्ठावान और अनुशासित कार्यकर्ता बनी रहीं, इसलिए उन्हें राष्ट्रपति बनने का मौका मिला।’
उनके इस बयान के कारण राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अमीन खां से मंत्री पद से इस्तीफा मांगा था। इस मामले में मुख्यमंत्री ने अमीन खां से फोन पर जवाब तलब किया था। इसके बाद वह बुधवार शाम को दिल्ली पहुंचे। दिल्ली में उन्होंने सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल और प्रभारी महामंत्री मुकुल वासनिक के साथ चर्चा की। विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक इस चर्चा के बाद अमीन खां से इस्तीफा देने को कहा गया था।
मंत्री द्वारा दिये गये इस बयान को लेकर राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा "इस सरकार के मंत्री बेलगाम हो गए हैं। राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील के बारे में सरकार के मंत्री की टिप्पणी पूरे देश का, खासकर महिला जगत का अपमान है। इसके लिए पूरी सरकार दोषी है।"
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