
नई दिल्ली: गेटीफ्लोक्सेसिन और टेगासेरोड नाम की दो हानिकारक दवाओं, पर केंद्र सरकार ने प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। ड्रग टेक्नीकल एडवायसरी बोर्ड (डीटीएबी) ने गुरुवार को यह अंतिम फैसला लिया है।
ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (एम्स) के वरिष्ठ डॉक्टर वाईके गुप्ता की अध्यक्षता वाली कमेटी ने अपने फैसले में लिखा है कि डीटीएबी गेटीफ्लोक्सेसिन और टेगासेरोड को सेहत के लिए खतरनाक पाया गया है। यही वजह है कि इसे जल्द से जल्द बंद करने पर सबकी सहमति बनी है। और इस फैसले की प्रति बहुत जल्द स्वास्थ्य मंत्रालय को भेज दी जाएगी।
सूत्रों के मुताबिक इन दोनों दवाओं को दो हफ्ते के अन्दर पूरे बाजार से हटाने के निर्देश दे दिए गए हैं। गेटीफ्लोक्सेसिन एक ऐसी एंटीबायोटिक है, जिससे डायबीडिज जैसे गंभीर बीमारी के होने का खतरा रहता है। जबकि टेगासेरोड, को अमेरिका समेत कई देशों में गंभीर रिएक्शन की वजह से पहले ही प्रतिबंधित किया जा चुका है।
इन दो घातक दवाओं के अलावा एक और दवा डीनसीट पर भी प्रतिबंध लगाने पर कमेटी ने विचार किया। लेकिन आंकड़ों के अभाव के कारण इस पर फैसला कुछ दिनों के लिए टाल दिया गया है। गेटीफ्लोक्सेसिन, टेगासेरोड और डीनसीट पूरे भारत में सालाना करीब 7 करोड़ का कारोबार करती हैं। गेटीफ्लोक्सेसिन दवा को रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। जबकि टेगासेरोड को आंतों में परेशानी और कब्ज दूर करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
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