
भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने बुधवार को सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि आखिर सरकार विदेशी बैंकों में काला धन जमा करने वाले भारतीय नागरिकों के नाम कब जाहिर करेगी। उनका कहना है कि केंद्र सरकार ने उन देशों से भी जानकारी जुटाने के प्रति गंभीरता नहीं दिखाई है, जो इसे साझा करने को इच्छुक हैं।
राष्ट्रध्वज फहराने के बाद अपने आवास पर आडवाणी ने कहा कि सरकार ने मंगलवार को बयान जारी कर कहा था कि वह कुछ भी नहीं छिपाना चाहती है, लेकिन इसके साथ ही वह कुछ खुलासा भी नहीं करना चाहती है। आडवाणी वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी के कल के बयान का हवाला दे रहे थे जिसमें उन्होंने कहा था कि विदेशों में जमा भारतीयों के काले धन को वापस लाने के मुद्दे पर एक अध्ययन समूह का गठन किया जाएगा।
आडवाणी के मुताबिक जर्मनी ने कहा है कि उसके पास ऐसे खाताधारियों की चार और सूचियाँ हैं जिसमें कुछ भारतीय नागरिकों के नाम भी है, लेकिन किसी ने इनके बारे में जानकारी प्राप्त करने का प्रयास नहीं किया। उन्होंने तीन वर्ष पहले उन्होंने विदेशों में पड़े भारतीय नागरिकों के काले धन को वापस लाने का मुद्दा उठाया था और सभी राजनीतिक दलों ने इस विचार का समर्थन किया था। इतना ही नहीं आडवाणी का कहना है कि इतनी बड़ी धनराशि विदेशों में पड़ी हुई है जिसका जनकल्याण के कार्य में सदुपयोग किया जा सकता है। लेकिन सरकार की सहायता के बिना यह संभव नहीं है।
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