Wednesday, November 3, 2010

दिवाली पर छा रहा है ‘मेड इन चाइना’



नई दिल्ली: दिवाली के इस मौसम में फैंसी उत्पादों से भरे बाजार में खरीदारी जोरों पर है लेकिन सामान तो चीन के बिक रहे हैं और भारतीय उत्पादक अपना सामान बेचने के लिए कड़ी मशक्कत कर रहे हैं। पूरा बाजार चीनी सामानों से पटा हुआ है। फैंसी लाइट, लैंपशेड से लेकर गणेश और लक्ष्मी जी की प्रतिमा सब ‘मेड इन चाइना’ हैं। चीनी सामान आँखों को आकर्षक लग रहे हैं और जेबों को राहत पहुँचाने वाले। लेकिन इसकी मार स्थानीय शिल्पियों पर पड़ी है। घुमनेवाले चाक से मिट्टी को विभिन्न रूप देने वाले कुम्हार सबसे बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।

दक्षिणी दिल्ली के मुनिरका में व्यवसायी मनोहर लाल का कहना है कि उनके मिट्टी के दीयों की माँग साल दर साल गिर रही है और ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए उन्हें रंग-बिरंगे दीयों का सहारा लेना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि एक समय था जब दीवाली से दो तीन महीने पहले मेरे परिवार के लोग त्योहार का सामान बनाने में लग जाते थे लेकिन अब लोगों की पसंद चीन के सस्ते और फैंसी लाइट हो गए हैं। व्यवसाइयों के अनुसार चीनी उत्पादों की लोकप्रियता की वजह उनका विभिन्न रूपों में सस्ता और फैंसी होना है।

100 छोटे बल्बों का चीनी तार 50 रुपए से लेकर 70 रुपए में मिल जाता है और इसमें भी बल्ब अनार और चावल के दाने से लेकर सेब तक के आकार का होता है। ये ग्राहकों में खूब लोकप्रिय हैं।

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