नई दिल्ली: पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा के पूर्व सहयोगी आर के चंदोलिया ने 2 जी मामले में कॉरपोरेट उद्यमियों और लॉबीइस्ट नीरा राडिया को यह कहते हुए आरोपी के तौर पर घसीटने की कोशिश की कि वे टाटा समूह और कलेंग्नर टीवी के बीच हुए कथित ‘गुप्त समझौते’ में शामिल थे।
चंदोलिया के वकील ने सीबीआई के विशेष न्यायाधीश ओपी सैनी से कहा कि राजा के कथित सहयोगी असीरवदम आचारी ने कथित तौर पर कलेंग्नर टीवी को टाटा स्काय डीटीएच में लाने की साजिश रची और इसके लिए राजा और नीरा के बीच वाहक का काम किया। वकील ने कहा कि बातचीत के दौरान नीरा ने जब समझौते के संदर्भ में बात की, आचारी ने उनसे कहीं भी नहीं पूछा कि वह किस बारे में बात कर रही हैं। इससे पता चलता है कि आचारी को राजा द्वारा किए जा रहे कलेंग्नर टीवी और टाटा के बीच के समझौते के बारे में पूरी जानकारी थी।
चंदोलिया की ओर से पेश वकील विजय अग्रवाल ने कहा कि इसे देखते हुए टाटा, नीरा, आचारी और कलेंग्नर टीवी को इस मामले में आरोपी बनाया जाना चाहिए। टाटा और नीरा बड़े लोग हैं और सीबीआई उन्हें छू भी नहीं सकती, लेकिन आचारी को क्यों नहीं। चंदोलिया ने आरोप लगाया कि इन सभी लोगों ने कथित तौर पर कलेंग्नर टीवी को टाटा स्काय में लाने की साजिश रची। मामले में खुद को निर्दोष साबित करने की मांग करते हुए चंदोलिया ने कहा कि किसी भी अपराध की जिम्मेदारी उन पर नहीं डाली जा सकती क्योंकि वह सिर्फ अपने ‘बॉस’ ए राजा के आदेशों का पालन कर रहे थे। चंदोलिया ने सवाल किया कि नीरा और टाटा के बीच आचारी के माध्यम से समझौते हुए, जिसने एक वाहक का काम किया। वे लोग जेल में क्यों नहीं हैं, जबकि मेरी इस मामले में कोई भूमिका नहीं होने के बावजूद मैं जेल में हूं।
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