
लखनऊ : उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी के निघासन में हुई नाबालिग लड़की की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के मामले में राजनीति शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री मायावती ने बुधवार को कहा कि उन्हें इस मामले की सीबीआई जांच कराने में कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन उन्हें डर है कि कहीं इस मामले का हश्र भी आरुषि हत्याकाड की तरह न हो जाए।मायावती ने संवाददाताओं से कहा कि लड़की के परिजन अगर मामले की सीबीआई या किसी अन्य एजेंसी से जाच कराना चाहते हैं तो मेरी सरकार को इसमें कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने कहा कि हालांकि हमें डर सिर्फ इस बात का है कि कहीं यह मामला भी नोएडा के आरुषि हत्याकाड की तरह खुर्दबुर्द न हो जाए।
मुख्यमंत्री ने निघासन थाना परिसर में 14 वर्षीय लड़की सोनम की पुलिसकर्मियों द्वारा कथित रूप से दुष्कर्म के बाद हत्या किए जाने की घटना की निंदा करते हुए कहा कि वह पीड़ित परिवार को विश्वास दिलाना चाहती हैं कि इस मामले के दोषी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
मायावती ने कहा कि मैं यह कहना चाहती हूं कि महिलाओं के खिलाफ जब भी इस तरह की अमानवीय घटना हो तो विपक्षी दल दलगत राजनीति से ऊपर उठकर अपराधियों को पकड़ने में मदद करें। उन्हें ऐसे मामलों पर गंदी राजनीति नहीं करनी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि महिलाओं पर जो भी अत्याचार हुए हैं उनके लिए पूर्ववर्ती सरकारों को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।
मायावती ने आरोप लगाया कि विपक्षी पार्टियों ने अपने-अपने कार्यकाल में अपने फायदे के लिए बड़ी तादाद में पेशेवर माफिया और अपराधी तैयार किए। उन्होंने कहा कि उन पार्टियों ने सरकारी तंत्र में भ्रष्टाचार और अमानवीयता भरी। हमें यह बुराई उनसे विरासत में मिली है। मुख्यमंत्री ने केंद्र पर सरकारी आयोगों का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार उत्तर प्रदेश को छोड़कर किसी और राज्य में दलितों पर होने वाले अत्याचार की जांच के लिए अपने आयोगों के दलों को नहीं भेजती है।
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