
अहमदाबाद: गुजरात के खेड़ा जिले के रायोली गांव में जल्द ही डायनासोर जीवाश्म पार्क देखने को मिलेगा। एक समय में इस जगह बड़ी संख्या में इस विशालकाय जीव की आबादी रहा करती थी।
यहां से लगभग 85 किलोमीटर दूर बालासिनोर के रायोली गांव में डायनासोर के एक हजार अंडों के जीवाश्म मिले हैं और इस जगह को अब ‘डायनासोर पर्यटन’ केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। रायोली गांव में सबसे पहले 1981 में डायनासोर के जीवाश्म मिले थे जिन्हें भारतीय भूगर्भीय सर्वेक्षण ने खोजा था। इसके एक साल बाद डायनासोर के एक हजार अंडे मिले जिससे यह जीवाश्म वैज्ञानिकों का पसंदीदा स्थल बन गया। वैज्ञानिकों का कहना है कि यहां डायनासोर की कम से कम सात प्रजातियां रहा करती थीं। जीवाश्म लगभग साढ़े छह करोड़ साल पुराने हैं।
इस स्थल की देखरेख का जिम्मा गुजरात पारिस्थितिकीय एवं अनुसंधान संस्थान के पास है। पर्यटन मंत्री जयनारायणन व्यास कि मुताबिक बालासिनोर डायनासोर पार्क लाल चिड़िया वाले कच्छ या सासन गिर स्थित एशियाई शेरों के अभयारण्य की तरह ही एक अद्भुत स्थल है। हम इन स्थलों को विकसित करने और इन्हें अंतरराष्ट्रीय आकषर्ण का केंद्र बनाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।
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