Monday, March 21, 2011

33 वर्ष की हुईं रानी मुखर्जी


मुंबई : बॉलीवुड में 'खंडाला गर्ल' के नाम से अपनी पहचान बनाने वाली हॉट अभिनेत्री रानी मुखर्जी आज अपना 33 वां बर्थ-डे मना रही है। फिल्मी घराने से तालुक रखने के बावजूद भी रानी को बॉलीवुड में पैर जमाने के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ा है। खबर है कि इसी वजह से कुछ साल पहले नियोमरोलाजि की वजह से रानी ने अपने अंग्रेजी उपनाम की स्पेलिंग (Mukherjee to Mukerji ) में परिवर्तन कर लिया था।

उल्लेखनीय है कि रानी मुखर्जी के पिता राम मुखर्जी पूर्व डायरेक्टर और फिल्मालय स्टूडियों के संस्थापक भी है। वहीं चचेरी बहन काजोल बॉलीवुड की मशहूर अदाकरा है।

बॉलीवुड में रानी ने फिल्म 'राजा की आएगी बारात' से डेब्यू किया था। जो एक महिला प्रधान फिल्म थी। इस फिल्म से रानी को बहुत ज्यादा फायदा नहीं हुआ और उनका फिल्मी कॅरियर चौपट होने की कगार पर पहुंच चुका था।

इसी समय बॉलीवुड के मिस्टर परफेक्शनिस्ट कहे जाने वाले अभिनेता आमिर खान की फिल्म गुलाम ने उनके कॅरियर को नई ऊचाईयां दी। रानी के कॅरियर को बचाने में उनकी चचेरी बहन काजोल वैसे तो कुछ खास नहीं कर पाई, लेकिन करन जौहर की बतौर डायरेक्टर आई फिल्म कुछ-कुछ होता है में रानी ने अपने अभिनय कोशल से बॉलीवुड में धमाल मचा दिया।

इसके बाद रानी की कई फिल्में आई महंदी, मन (गेस्ट भूमिका), हेलो ब्रदर, बादल, हे राम, हद कर दी आपने, बिच्छु, हर दिल जो कहता है, कही प्यार न हो जाए, चोरी-चोरी चुपके-चुपके, बस इतना सा ख्वाब है, नायक-दा रियल हीरो आदि। लेकिन यश चोपड़ा कैंप की फिल्म कभी खुशी, कभी गम में अपनी छोटी सी भूमिका से न सिर्फ दर्शकों को प्रभावित करने में कामयाब रही, बल्कि यश राज कैंप की भी चहेती बन गई।

इसके बाद फिर रानी ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और प्यार दीवाना होता है, मुझसे दोस्ती करोगे, साथिया, चलो इश्क लड़ाए, चलते-चलते, चोरी-चोरी, कलकत्ता मेल, एलओसी कारगिल, युवा, हम-तुम, वीर-जारा, ब्लैक, बंटी और बबली, पहेली, कभी अलविदा ना कहना, नो वन किल्ड जेसिका आदि फिल्मों से अपने अभिनय का लौहा मनवा लिया। फिल्मों के बावजूद रानी अपने अफेयर की वजह से भी काफी चर्चा में रही है। जिसमें निर्देशक-निर्माता आदित्य चौपड़ा से बढ़ती नजदीकियां किसी से छुपी नहीं है।

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