Sunday, July 24, 2011

दारूल उलूम से विदा हुए वस्तानवी


देवबंद : गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ़ से विवादों में आए दारुल उलूम देवबंद के वीसी गुलाम मोहम्मद वास्तानवी को आखिरकार उनके पद से हटा दिया गया। देवबंद में मजलिस-ए-शूरा की 13 सदस्यों की बैठक में यह फ़ैसला लिया गया है। वोटिंग के आधार पर हुए फ़ैसले में वस्तानवी के पक्ष में पांच वोट पड़े और विरोध में आठ वोट पड़े।

दो दिन से जारी मजलिस-ए-शूरा की मीटिंग में देर रात वस्तानवी पर इस्तीफ़ा देने का दबाव बनाया गया था लेकिन वस्तानवी ने साफ़ कहा था कि वह पद से इस्तीफा नहीं देंगे। वहीं उन्होने साफ़ कहा कि, वो अगर मुझे पद से हटाना सही समझते हैं तो वीसी पद से हटा सकते हैं।

वास्तवानवी ने कहा कि जो रिपोर्ट कमेटी के सामने पेश की गई है वो पूरी नहीं है। मैं अधूरी रिपोर्ट को खारिज करता हूं। उन्होंने कहा कि दारुल उलूम के छात्र उनके खिलाफ नहीं हैं। बल्कि इस मामले को राजनीतिक रंग दिया जा रहा है।

गौरतलब है कि इसी साल 10 जनवरी को वस्तानवी को कुलपति चुना गया था। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था कि गुजरात के मुसलमानों को 2002 के दंगों को पीछे छोड़कर आगे बढ़ना होगा, हालांकि उन्होंने मोदी को क्लीनचिट देने से इंकार किया था। लेकिन उनके इस बयान से विवाद खड़ा हो गया था।

इसके बाद मामले की जांच के लिए 23 फरवरी को शूरा की बैठक में तीन सदस्यों की जांच समिति का गठन किया गया था।

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