
भारत के कुछ बैकों को जल्दी ही विदेशी बैंकों के तौर पर जाना जाएगा।
इस लिस्ट में आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, यस बैंक, इंडसइंड बैंक, फेडरल बैंक, आईएनजी वैश्य और डवलपमेंट क्रेडिट बैंक जैसे नाम शामिल हैं।
दरअसल निजी क्षेत्र के जिन अन्य बैंकों में 50 फीसदी से ज्यादा विदेशी निवेश है, उन्हें प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की नई नीति के तहत विदेशी कंपनी माना जाएगा।
2009 में नई एफडीआई पॉलिसी सामने आने के बाद से ही इन बैंकों के दर्जे पर बहस चल रही है क्योंकि इन बैंकों में 50 फीसदी से ज्यादा विदेशी इक्विटी होल्डिंग है। लेकिन अब यह साफ हो गया है कि इन बैंकों को विदेशी बैंकों की कटेगरी में ही रखा जाएगा। हालांकि इन बैंकों के विदेशी बैंकों की कटेगरी में आने के बावजूद इन बैंकों की कार्यप्रणाली में कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
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